Himachal Weather: मैदानी जिला ऊना समेत 12 जगहों पर माइनस में तापमान, 2 दिन बाद फिर होगी बारिश और बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में शीतलहर जारी है और कई स्थानों पर तापमान माइनस में चला गया है। दो दिन बाद फिर से वर्षा और हिमपात की संभावना है। इस बीच प्रदेश के कई हि ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में शीतलहर जारी है। मैदानी जिले ऊना व सुंदरनगर सहित 12 स्थानों का न्यूनतम तापमान माइनस में चला गया है। दो दिन बाद वीरवार को फिर से वर्षा और हिमपात हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण लाहुल-स्पीति, चंबा, कुल्लू, किन्नौर और कांगड़ा के ऊंचे इलाकों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा व हिमपात की संभावना है।
राज्य के बाकी हिस्सों में अगले सात दिन मौसम शुष्क बना रहेगा। लोगों को सूखी ठंड का सामना करना पड़ेगा। दो दिन पहले शिमला शहर के आसपास हल्का हिमपात हुआ था, लेकिन बुधवार को शहर में न्यूनतम तापमान प्रदेश के निचले क्षेत्रों की अपेक्षाकृत अधिक रहा। धूप से न्यूनतम व अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई है।
इन स्थानों पर माइनस में तापमान
प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया। यहां पर -10.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। इसके अतिरिक्त कुकुमसेरी में -6.2 डिग्री, बरढ़ी में -0.9 डिग्री, सियोबाग में 0.0 डिग्री, रिकांगपिओ में 0.2 डिग्री, बजौरा में 0.3 डिग्री, हमीरपुर में 0.1 डिग्री, सुंदरनगर में -0.1 डिग्री, भुंतर में 0.4 डिग्री, कल्पा में -1.4 डिग्री, सोलन में 0.5 डिग्री, ऊना में -0.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
जिलों में वर्षा-हिमपात की संभावना
कालका-शिमला रेलवे हेरिटेज ट्रैक पर बुधवार को दोहरी दीवार के समीप विशाल पेड़ गिर गया। शिकायत मिलने पर रेलवे बोर्ड ने तुरंत पेड़ को हटा दिया। इस दौरान कोई राहगीर या ट्रेन वहां से गुजर नहीं रही थी। बुधवार शाम करीब 4:50 बजे पेड़ गिरा था। इस घटना के कारण किसी ट्रेन की समयसारिणी प्रभावित नहीं हुई। शाम छह बजे के बाद ही दोनों ओर से ट्रेन की आवाजाही होनी थी।
चुराह में कड़ाके की ठंड में जमने लगीं पाइपें
पहाड़ों की चोटियों पर दो दिन पहले हुए हल्के हिमपात, वहीं निचले क्षेत्रों में चल रहे लंबे सूखे से चंबा में ठंड प्रचंड हो गई है। सुबह, शाम व रात के समय जिले के पहाड़ी व मध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान जमाव बिंदु से नीचे पहुंच रहा है जिस कारण नदी-नाले, जलस्रोत सहित तालाब व झरने आदि भी जमने लगे हैं।

रात के समय पेड़ों पर गिरी औस आदि की बूंदें भी सुबह तक बर्फ बन रही हैं, जिससे लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में जलस्रोत व पाइपलाइन जमने से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। लोगों को सुबह के कार्य भी सूर्य उदय होने के बाद निपटाने पड़ रहे हैं। जलस्रोत व पानी की पाइपें जमने से जलशक्ति विभाग के कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
चुराह उपमंडल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है जिस वजह से तापमान में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। पानी के स्रोत ऊपरी क्षेत्रों में अत्यधिक होने के कारण पाइपलाइन में ठंड के कारण पानी जम जाता है जिस वजह से निचले इलाकों में रह रहे लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
विभाग के कर्मचारी पाइपलाइन तक पहुंचकर आग का सहारा लेकर पाइपों में लगे जाम को गर्म करके खोल रहे हैं और लोगों तक पानी पहुंचा रहे हैं। जलशक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता केवल शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं कि जहां पानी के पूर्ति बंद पड़ रही है उसे जल्द से जल्द खोला जाए। कर्मचारी पाइपों के नीचे आग जलाकर जमे हुए पानी की सप्लाई चला रहे हैं, ताकि लोगों के घरों तक पानी पहुंच पाए।

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