Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Himachal में बदला मौसम का मिजाज, कांगड़ा और चंबा के ग्लेशियरों में बर्फबारी; जानें ताजा Weather Update

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 05 Sep 2023 07:55 PM (IST)

    Himachal Snowfall Update हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। ऊपरी इलाकों में ठंड बढ़ने लगी है। कांगड़ा सहित चंबा और धर्मशाला के ग्लेशियरों में ताजा बर्फबारी हुई है। वहीं पिछले चौबीस घंटों के दौरान धर्मशाला में 38.4 मिलीमीटर कुफरी में 12 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। बर्फबारी और बारिश के बाद अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

    Hero Image
    हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज, कांगड़ा और चंबा के ग्लेशियरों में बर्फबारी (फाइल फोटो)

    शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Weather Update जिला कांगड़ा की धौलाधार पर्वत श्रृंखला सहित कांगड़ा व चंबा के बीच इंद्रहार पास व थमसर ग्लेशियर में भी बर्फबारी (Snowfall) हुई है। बरसात के दस्तक देने के बाद ये पहली बर्फबारी मानी जा रही है। इसके साथ ही अब हल्की ठंडक ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। प्रदेश में धर्मशाला सहित कुफरी व अन्य स्थानों में वर्षा दर्ज की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीते चौबीस घंटों के दौरान धर्मशाला में 38.4 मिलीमीटर कुफरी में 12 मिलीमीटर वर्षा (Rain In Himachal) दर्ज की गई है। राजधानी शिमला (Shimla Weather) सहित कई सथानों पर धूप खिली रही कुछ स्थानों पर बादल छाए रहे। ऐसे में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

    अधिकतम तापमान में गिरावट

    प्रदेश में अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट लाहौल स्पीति के कुकुमसेरी में 10.8 डिग्री, केलंग में 5.6 डिग्री की आई है। जबकि न्यूनतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट मंडी व भुंतर में 4.7 डिग्री व चंबा और कांगड़ा में 4.6 डिग्री की दर्ज की गई है।

    क्या है मौसम का ताजा पूर्वानुमान

    मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदेश के पांच जिलों किन्नौर, लाहौल-स्पीति, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर को छोड़ बाकी सात जिलों के लिए आंधी व आसमानी बिजली गिरने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है।

    प्रदेश में अब तक नुकसान का आकलन 8675.11 करोड़ पहुंच गया है। अभी तक 408 लोगों की विभिन्न कारणों से मौत हो चुकी है। जिसमें से 144 लोगों की मौत भूसखलन, बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। मानसून के दौरान 2556 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 10865 मकानों को नुकसान हुआ है। 317 दुकानों के साथ 5651 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है।