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    हिमाचल: कैथलीघाट-ढली फोरलेन पर विजिलेंस जांच की आंच, सर्वे लाइन से बाहर काम करने की आशंका; ये विभाग रडार पर

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 02:15 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में कैथलीघाट-ढली फोरलेन परियोजना में विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। सर्वे लाइन से बाहर काम करने की आशंका के चलते कुछ विभाग जांच के दायरे में हैं। विजिलेंस टीम यह जांच कर रही है कि क्या फोरलेन का निर्माण सर्वे लाइन के अनुसार किया गया है या नहीं। दोषी पाए जाने पर अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

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    कैथलीघाट-ढली फोरलेन निर्माण पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं। प्रतीकात्मक फोटो


    चैतन्य ठाकुर, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के सबसे महत्वपूर्ण सड़क प्रोजेक्ट कैथलीघाट-ढली फोरलेन निर्माण पर गंभीर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। लगभग 3,914 करोड़ रुपये से बन रहा यह प्रोजेक्ट अब विजिलेंस जांच के घेरे में है। 

    इस बरसात में शिमला के लिंडीधार में पांच मंजिला भवन ध्वस्त हो गया था। इसके बाद फोरलेन के निर्माण कार्य पर प्रश्न उठे थे, वे अब आरोपों में बदलते दिख रहे हैं। 

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    तो अवैध श्रेणी में गिना जाएगा निर्माण

    अभी तक की प्रारंभिक जांच में आशंका है कि फोरलेन का निर्माण स्वीकृत सर्वे लाइन से हटकर किया गया है। अगर ऐसा हुआ तो इसे अवैध निर्माण की श्रेणी में गिना जा सकता है। फिलहाल सभी की नजरें विजिलेंस पर टिकी हैं, अब इसकी जांच रिपोर्ट प्रोजेक्ट का भविष्य तय करेगी।

    पहाड़ को ज्यादा काटा गया

    पांच मंजिला भवन गिरने की शुरुआती जांच में इसके ध्वस्त होने के पीछे जहां प्राकृतिक कारण थे, वहीं फोरलेन कटिंग के सर्वे लाइन से बाहर होने के आरोप भी सामने आए। स्थानीय लोगों ने भी आरोप लगाए कि सड़क विस्तार के दौरान जहां कटिंग होनी चाहिए थी, उससे आगे जाकर पहाड़ को ज्यादा काटा गया, जिससे भूस्खलन की स्थिति बनी।

    प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कहीं-कहीं फोरलेन निर्माण निर्धारित जिगजैग कटिंग पैटर्न और संतुलित ढलान तकनीक का पालन किए बिना तेजी से आगे बढ़ाया गया। इसने ढलान वाले क्षेत्रों की प्राकृतिक स्थिरता पर प्रभाव डाला।

    इन विभागों से मांगा जाएगा रिकॉर्ड

    विजिलेंस विभाग अब इस मामले को देख रहा है। सूत्रों के अनुसार जल्द विभाग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, निर्माण कंपनी, वन विभाग, जिला प्रशासन शिमला से रिकार्ड मांगेगा। इसमें असली सर्वे प्लान, कटिंग मैप, बजट उपयोग, पर्यावरणीय मंजूरी, डिजाइन परिवर्तन के प्रस्ताव तथा वास्तविक निर्माण की जीपीएस मैपिंग जैसे दस्तावेजों की जांच होगी। 

    विजिलेंस टीम कर चुकी है साइट का दौरा

    विजिलेंस की एक टीम पहले ही साइट का दौरा कर लाइन से हटकर काम करने के कई बिंदुओं की प्रारंभिक पहचान कर चुकी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि यदि निर्माण सर्वे से बाहर निकला तो वह संदेह के घेरे में होगा। फोरलेन निर्माण का एक इंच भी सर्वे लाइन से बाहर जाना गंभीर मामला माना जाता है। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो जिम्मेदारी कई स्तर पर तय होगी। 

    किस विभाग की क्या जिम्मेदारी

    • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण : परियोजना निगरानी और लाइन अनुमोदन की जिम्मेदारी।
    • निर्माण कंपनी : वास्तविक निर्माण और तकनीकी निष्पादन की जिम्मेदारी।
    • वन विभाग : निर्माण स्वीकृत वन सीमा के भीतर हो।
    • जिला प्रशासन : लोकल मानिटरिंग और भूमि अधिग्रहण की जांच।

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    ढली-कैथलीघाट फोरलेन के निर्माण में खामियों की जांच के लिए बनाई कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद जनहित में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
    -अनुपम कश्यप, उपायुक्त शिमला।