Republic Day 2026: कर्तव्य पथ पर दिखेगी हिमाचल की वीरगाथा, तस्वीरों के साथ बर्फ से ढके पहाड़ों की दिखेगी भव्य झलक
छह साल बाद हिमाचल प्रदेश की झांकी 26 जनवरी 2026 को कर्तव्य पथ पर दिखेगी। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने 'वीरगाथा' थीम वाली इस झांकी को मंजूरी दी है, जो प् ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, शिमला। छह वर्ष बाद हिमाचल की झांकी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिखेगी। प्रदेश की वीरगाथा को प्रदर्शित करती हिमाचल की झांकी को केंद्रीय रक्षा मंत्रालय की ओर से गठित समिति ने अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी है। अब हिमाचल ने इस पर काम आरंभ कर दिया है। हिमाचल को वीरता के लिए दिए योगदान और देवभूमि के तौर पर जाना जाता है।
इस झांकी में प्रदेश की वीर गाथा को प्रदर्शित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की तरफ से झांकी को तैयार करने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर दी गई हैं। गणतंत्र दिवस पर देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और शौर्य परंपरा का प्रतीक कर्तव्य पथ एक बार फिर हिमाचल प्रदेश की वीरता का साक्षी बनेगा।
प्रदेश की वीर गाथा सर्वोच्च सैनिक सम्मान देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा से शुरू होती है। हिमाचल में चार परमवीर चक्र विजेता हैं। झांकी में परमवीर, अशोक और महावीर चक्र विजेताओं की तस्वीरों के साथ बर्फ से ढके पहाड़ों की भव्य झलक दिखाई देगी। प्रदेश की वीरता की गाथाएं भारतीय सैन्य इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं।
कब-कब दिखी हिमाचल की झांकी
- 1993 हिमाचल में पर्यटन व बर्फबारी का आनंद
- 1998 कुल्लू दशहरा की रघुनाथ रथ यात्रा
- 2007 लाहुल स्पीति के मठों और भिक्षुओं का चित्रण
- 2012 किन्नौर की जनजातीय संस्कृति और कारीगरी
- 2017 चंबा रूमाल जिसमें पारंपरिक कढ़ाई व कलाकृति का प्रदर्शन
- 2018 लाहुल स्पीति के मठ का एक हजार वर्ष पुराना विरासत स्वरूप
- 2020 कुल्लू दशहरा
गणतंत्र दिवस परेड में इस बार वीर नमन की थीम से वीरभूमि हिमाचल को झांकी के रूप में प्रदर्शित करने की मंजूरी मिल गई है। प्रदेश के लिए यह गर्व की बात है। हिमाचल के वीर जवानों ने अभी तक 1203 वीरता पदक हासिल किए हैं, जिनमें चार परमवीर, दो अशोक व 10 महावीर चक्र शामिल हैं। -रीमा कश्यप, निदेशक, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग।

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