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    'त्यागपत्र करें स्वीकार, वापस लेंगे याचिका...', विधानसभा स्पीकर के सामने निर्दलीय विधायकों ने दिया नोटिस का जवाब

    Updated: Thu, 11 Apr 2024 01:50 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के विधायकों का इस्तीफा और उसके बाद का सियासी घमासान अब तक जारी है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके तीनों निर्दलीय विधायकों को बुधवार को अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित हुए। नोटिस का उत्तर देते हुए विधायक होशियार सिंह केएल ठाकुर व आशीष शर्मा ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से कहा कि त्यागपत्र स्वीकार करें वे हाई कोर्ट में दायर याचिका वापस ले लेंगे।

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    'त्यागपत्र करें स्वीकार, वापस लेंगे याचिका...'. विधानसभा स्पीकर के सामने निर्दलीय विधायकों ने दिया नोटिस का जवाब

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News: सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके तीन निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पक्ष रखा।

    नोटिस का उत्तर देते हुए विधायक होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा ने अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से कहा कि त्यागपत्र स्वीकार करें, वे हाई कोर्ट में दायर याचिका वापस ले लेंगे।

    बुधवार को सचिवालय पहुंचे निर्दलीय विधायक

    35 पन्नों के लिखित उत्तर में कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्णय को भी संलग्न किया। कहा कि त्यागपत्र के लिए किसी तरह का दबाव नहीं है। अध्यक्ष ने तीनों से त्यागपत्र से जुड़े विषय पर प्रश्न पूछे, लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की।त्यागपत्र पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

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    तीनों निर्दलीय विधायक नोटिस का जवाब देने बुधवार को विधानसभा सचिवालय पहुंचे। उनका पक्ष मौखिक व लिखित लिया गया। निर्धारित समय के अनुसार पहली बार निर्दलीय विधायक दोपहर 12.15 बजे कमेटी रूम में उपस्थित हुए, लेकिन वे बिना लिखित कारण के पहुंचे थे, इसलिए सायं फिर बुलाया गया।

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    संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान व राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने दबाव में त्यागपत्र देने की आशंका जताई थी। इस पर अध्यक्ष ने तीनों विधायकों से त्यागपत्र देने का कारण लिखित में मांगा था।

    22 मार्च को त्यागपत्र देने के बाद तीनों विधायक 23 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे। अध्यक्ष से मिलने से पहले उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया, जिस पर 24 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

    उच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार: पठानिया

    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि निर्दलीय विधायकों ने उनके अधिकारों को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। ऐसे में अब हाई कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना होगा क्योंकि अब समानांतर सुनवाई शुरू हो गई है। एक विधानसभा में न्यायिक शक्तियों के तहत और दूसरी हाई कोर्ट में।

    इस कारण त्यागपत्र संबंधी सुनवाई को समाप्त नहीं कर सकता। निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र संवैधानिक तौर पर उचित हैं या नहीं, वह इस पर बोलना नहीं चाहते। अधिकार संबंधी उत्तर न्यायालय को देंगे। संवैधानिक मर्यादाओं के अनुसार मुझे निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र से जुड़े तथ्यों की जांच करना जरूरी है।

    बिना किसी दबाव दिया त्यागपत्र

    निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने बिना किसी दबाव त्यागपत्र दिया है। इसे जल्द स्वीकार किया जाए, ताकि उनके विधानसभा क्षेत्रों में भी उपचुनाव की प्रक्रिया को एक साथ पूरा किया जा सके।

    कांग्रेस के छह विद्रोहियों को तुरंत प्रभाव से निष्कासित किया गया था। त्यागपत्र स्वीकार नहीं होने पर मजबूरन उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।

    विधानसभा उपचुनाव के साथ हमारे विधानसभा क्षेत्रों में भी चुनाव करवाए जा सकते हैं। अध्यक्ष हमारे उत्तर से संतुष्ट नजर आए हैं। आशा है कि जल्द ही त्यागपत्र स्वीकार होंगे।

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