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    हिमाचल में अब तक 10% अधिक बरस चुका मानसून, लगातार बारिश से भूस्खलन का खतरा; कालीढांग में चपेट में आए दो वाहन

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 09:05 AM (IST)

    शिमला में मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में मानसून के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। शिमला जिले में 70% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में भारी वर्षा की संभावना है जिससे भूस्खलन और जलस्तर बढ़ने का खतरा है। मौसम विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है।

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    हिमाचल में अब तक 10 प्रतिशत अधिक बरस चुका मानसून। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के विज्ञानी संदीप शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान अब तक 10 प्रतिशत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। शिमला जिले में सामान्य से 70 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।

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    आने वाले दिनों में भी मानसून की यही स्थिति बने रहने की संभावना है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों, नालों और खड्डों में जलस्तर बढ़ने के साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है।

    इस वर्ष पहली जून से 11 अगस्त तक विभिन्न जिलों में वर्षा का प्रतिशत भिन्न रहा है। अधिकांश जिलों में वर्षा सामान्य से अधिक रही है, जबकि कुछ जिलों में कमी भी देखी गई है।

    कालीढांग में भूस्खलन की चपेट में आए दो वाहन

    राजधानी शिमला, सिरमौर, मंडी व कांगड़ा सहित अन्य स्थानों पर सोमवार को वर्षा हुई। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई है, जिससे भूस्खलन और अचानक जलस्तर बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग उपमंडल कफोटा के हैवना के पास कालीढांग में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे से साढ़े 11 बजे तक भूस्खलन से बंद रहा।

    कालीढांग में एनएच से गुजर रही स्वास्थ्य विभाग की बोलेरो गाड़ी तथा एक टिप्पर भूस्खलन के मलबे की चपेट में आ गए। हालांकि मलबा गिरते ही वाहनों में सवार लोग बाहर निकल कर भागे थे।

    जिला मंडी के रैंसनाल क्षेत्र (औट पंचायत) के टनिपरी गांव में रविवार देर रात पहाड़ी में दरारें आने से ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई। नौ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं स्नोर घाटी के भरसी ज्वालापुर गांव में भी बाढ़ व जमीन धंसने से करीब 30 परिवारों ने अपने घर खाली कर दिए हैं।

    कुल्लू जिला में सैंज में पहाड़ी दरकने से लोगों ने मकान खाली कर दिए, जबकि आनी के खादवी गांव में भूस्खलन की चपेट में सेब के 100 से अधिक पेड़ आ गए हैं।

    मौसम विभाग ने 17 अगस्त तक कई जिलों में ओरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। 12 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में भारी वर्षा, जबकि कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

    इन जिलों में नदी-नालों से दूर रहने और ढलान वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। 13 और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

    ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, शिमला व सोलन में यलो अलर्ट रहेगा। 14 को शिमला में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है, जबकि 15 को कुल्लू, शिमला और सिरमौर में यलो अलर्ट रहेगा। बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा वर्षा बिलासपुर सदर में 50 मिलीमीटर हुई। 315 सड़कें, 72 ट्रांसफार्मर व 491 पेयजल योजनाएं बंद हैं।