Himachal Politics: 'आपदा से लड़ना जरूरी है या फिर राजनीति करना', जयराम ठाकुर पर बरसे CM सुखविंदर सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कर दिया है अभी सरकार मानसून सत्र नहीं बुलाएगी। उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में बारिश से तबाही मची हुई है। हालात नाजुक हैं और इस बीच मानसून सत्र बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित रखने की है। उन्होंने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर पर भी हमला बोला।

शिमला, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि अभी प्रदेश में बाढ़ और भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अभी राजनीति करने का समय नहीं है, प्रभावित लोग सरकार से मदद की आस लगाए हुए हैं। इस तरह की परिस्थितियों में विधानसभा का सत्र बुलाना उचित नहीं रहेगा।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना था कि ये सत्र बुलाने का उचित समय नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर चिंता न करें, सरकार विधानसभा का मानसून सत्र दस दिन का आयोजित करेगी। लेकिन अभी सत्र आयोजित किया जाता है तो सत्र के दौरान सुरक्षा के लिए 500 से 700 पुलिस जवानों की आवश्यकता रहेगी। जबकि अभी पुलिस जवानों की जरूरत राहत कार्यों के लिए है।
'जयराम ठाकुर को राजनीति करने की इच्छा हो रही है'
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं हैरान हूं कि प्रदेश में लोगों के सिर पर प्राकृतिक आपदा पड़ी हुई और प्रदेश का आमजन और सरकार मिलकर सामना कर रहे हैं। जबकि नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को राजनीति करने की इच्छा हो रही है। सरकार सत्र आयोजित करने से पीछे भाग नहीं रही है, हालात सामान्य होते ही सरकार विधानसभा का सत्र बुलाएगी।"
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भेजा है।
'शांता से सीख लें जयराम'
उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार से सीख लेनी चाहिए। शांता जी ने हाल ही में प्रदेश सरकार की सराहना की है कि आपदा से निपटने में सरकार सराहनीय कार्य कर रही है।

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