Himachal News: '85 करोड़ रुपये की FD बनाकर बैंक में क्यों रखी?', सुख-आश्रय योजना पर विधानसभा कमेटी ने सचिव से पूछा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कल्याण समिति ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से पूछा कि 85 करोड़ रुपये की एफडी बैंक में क्यों रखी गई है जबकि कई विभागों को बजट की कमी है। “सुख-आश्रय योजना” के लिए सरकार ने 98 करोड़ रुपये दिए थे। समिति ने कन्यादान योजना के तहत शगुन योजना में विवाह से पहले राशि देने का सुझाव दिया।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कल्याण समिति ने प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंहमार से पूछा कि 85 करोड़ रपये की एफडी बनाकर बैंक में क्यों रखी गई है।
सरकार ने “सुख-आश्रय योजना” के लिए 98 करोड़ रुपये दिया था। यदि यह राशि खर्च नहीं हो रही तो बजट के अभाव में जिन सरकारी विभागों में योजनाओं पर संकट आया हुआ है, ऐसे विभागों को बजट दिया जाना चाहिए। इसके लिए बैंक में रखे 85 करोड़ दिए जा सकते हैं।
प्रदेश सरकार ने बजट में 101 करोड़ रुपये का प्रविधान किया था। समिति की दो दिवसीय बैठक सभापति मोहन लाल ब्राक्टा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इसमें विधायक विनोद कुमार, रणधीर शर्मा, रीना कश्यप, लोकेंद्र कुमार, विनोद सुल्तानपुरी व अनुराधा राणा ने भाग लिया।
अधिकांश सदस्यों ने सचिव से मौखिक विभागीय अवलोकन में इस तरह की जानकारी चाही। इस दौरान समिति सदस्यों ने सचिव आशीष सिंहमार को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत शगुन योजना भी संचालित होती है।
देखने में आया है कि पात्र युवती का विवाह होने के तीन, छह व एक साल बाद राशि प्राप्त होती है। सुझाव दिया गया कि किसी भी युवती के विवाह से 15 दिन पहले फार्म भरवाए जाएं और विवाह से सात दिन पहले राशि मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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