Himachal Vidhan Sabha: विधानसभा में जब सुक्खू और लखनपाल हुए आमने-सामने, ...आप इस तरफ होते तो अब तक हो जाता काम
Himachal Pradesh Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बड़सर अस्पताल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री और विधायक के बीच बहस हुई। मुख्यमंत्री ने हर क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाने की बात कही। स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती का आश्वासन दिया। सरकार विश्राम गृहों के किराये पर विचार करेगी

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस से भाजपा में गए बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल का आमना-सामना हुआ। विधायक ने सदन में बड़सर अस्पताल का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि नागरिक अस्पताल का भवन कब तक बन जाएगा, जबकि इसका काम भी शुरू हो गया था।
इस बीच, मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार एक साल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करेगी। मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि बड़सर में काम तेजी से चल रहा था, लेकिन हादसा हो गया और विधायक इधर से उधर चले गए और फिर विकास रुक गया। आप इस तरफ होते तो अभी तक काम हो जाता। विपक्ष इसका विरोध करने लगा, तभी विस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री लाइट वे में यह बात कह रहे हैं।
इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि नागरिक अस्पताल बड़सर को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक से डेढ़ सप्ताह में यहां पर विशेषज्ञ डाक्टर की तैनाती कर दी जाएगी। विधायक इंद्र दत्त लखनपाल के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रत्येक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान में स्वीकृत पदों के विरुद्ध 6 विशेषज्ञ डॉक्टर, 8 स्टाफ नर्सेज, 2 ऑपरेशन थियेटर सहायक की नियुक्ति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।
इसके अलावा संस्थानों में मशीनरी और उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया भी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल के स्वास्थ्य मानक राष्ट्रीय स्तर से बहुत बेहतर हैं। कुछ इंतजार के बाद सारी सुविधाएं बड़सर को मिलेगी।
विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि सदन में जो जानकारी रखी है, वह अधूरी है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है और वहां पर कई हलकों से मरीज आते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण वहां से मरीजों को हमीरपुर और बिलासपुर एम्स को रेफर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को डॉक्टर चाहिए।
विश्राम गृह का किराया बढ़ाने पर विचार करेगी सरकार : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विश्राम गृहों का किराया बढ़ाने पर विचार करेगी। विधायक विनोद सुल्तानपुरी के प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्राम गृहों में जो पर्यटक ठहरते हैं और खाना बनाने के लिए सामान साथ लाते हैं, उसके लिए भी नियम तय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्राम गृहों की हालत सुधारने को लेकर भी सरकार कार्य कर रही है। विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटक अपने साथ खाने-पीने का सामान लेकर आते हैं। जिससे स्थानीय लोगों के रोजगार पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्राम गृहों का किराया भी बहुत कम है।
एसडीएम के माध्यम से होगा समितियों का पंजीकरण : मुकेश अग्निहोत्री
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में एसडीएम के माध्यम में दुग्ध समितियों का पंजीकरण एसडीएम के माध्यम से करने का प्रयास किया जाएगा। विधायक मलेंद्र राजन के प्रश्न के उत्तर में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री यह जानकारी दी। इससे पहले, मूल सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए सरकार तीन रुपये प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि देती है। उन्होंने कहा कि इंदौरा विधानसभा क्षेत्र में 8 दुग्ध सहकारी समितियां पंजीकृत हैं, जिसमें से छह समितियों से दूध एकत्रित किया जा रहा है। सरकार हर दिन इन समितियों से औसतन 2720 लीटर दूध इक्ट्ठा कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों का दूध खराब न हो, इसके लिए इंदौरा में रेफ्रिजरेशन की सुविधा पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित कर रही है।
शिमला से शिफ्ट नहीं होगा बागवानी निदेशालय
राजधानी शिमला के नवबहार स्थित बागवानी निदेशालय को शिमला से बाहर किसी दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाएगा। वर्ष 1972 से यहां पर बागवानी निदेशालय है। विभाग के पास यहां 30 बीघा जमीन है और 412 कर्मचारी व अधिकारी यहां पर कार्यरत हैं। वीरवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक कुलदीप राठौर के प्रश्न का उत्तर देते हुए बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में भीड़-भाड़ कम करने के उद्देश्य से विभाग के कार्यालय को ठियोग स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि ऊपरी शिमला में बागबानी प्रमुख कार्य है और ऐसे में सरकार क्या ऊपरी शिमला के ठियोग में बागवानी विभाग का कार्यालय शिफ्ट करने का विचार रखती है।
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