Himachal Vidhan Sabha: मानसून सत्र से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में क्या बनी रणनीति, बंद कमरे में हुई मंत्रणा
Himachal Pradesh Vidhan Sabha हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा विधायकों ने सुक्खू सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। आपदा प्रभावितों की अनदेखी और एफआईआर के मुद्दे पर सरकार को घेरा जाएगा। कर्मचारियों की मांगों कानून व्यवस्था और लॉटरी सिस्टम के मसले भी उठाए जाएंगे। भाजपा का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है और वित्तीय हालत बिगड़ रही है।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh Vidhan Sabha, विधानसभा के मानसूत्र के लिए भाजपा ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। रविवार को शिमला के विल्ली पार्क में भाजपा विधायक दल ने बैठक कर रणनीति बनाई। विधायक रणधीर शर्मा ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरा जाएगा।
सरकार ने प्रदेश की जनता से अन्याय कर कर्मचारियों की किसी भी मांग को नहीं माना। सरकार विभिन्न संस्थानों को बंद करने के साथ शिफ्ट करने पर जोर दे रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधायकों एवं आपदा प्रभावितों पर भी झूठे मुकदमे दर्ज किए गए।
इसके अलावा भाजपा लाटरी सिस्टम पर भी सरकार को घेरेगी। कानून व्यवस्था प्रदेशभर में अव्यवस्थित हो रही है, दिनदहाड़े अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं। खनन, शराब व नशा माफिया सक्रिय है, लेकिन सरकार चुप बैठी है।
उन्होंने कहा, सरकार की वित्तीय हालत बिगड़ रही है, भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। आपदा के समय भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने पर सरकार को घेरा जाएगा। आपदा के समय कितनी राशि प्रदेश सरकार ने खर्च की है, उसका विवरण अभी तक जनता के समक्ष नहीं आया है।
रेल और हवाई अड्डा विस्तार कार्य अच्छे से नहीं चल रहा
केंद्र सरकार ने 7000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हिमाचल सरकार को आपदा प्रबंधन के लिए भेजी है। रेल और हवाई अड्डों के विस्तार पर भी काम अच्छे से नहीं चल रहा है। सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय से भी अभी तक न्याय नहीं किया है। बैठक की अध्यक्षता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने की।
बैठक में ये विधायक रहे मौजूद
बैठक में विधायक सुखराम चौधरी, विपिन परमार, बिक्रम ठाकुर, रणधीर शर्मा, अनिल शर्मा, विनोद कुमार, इंद्र सिंह गांधी, राकेश जम्वाल, त्रिलोक जम्वाल, डीएस ठाकुर, आशीष शर्मा, डा. जनक राज, लोकेंद्र कुमार, रीना कश्यप, दीप राज, दिलीप ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल, जीत राम कटवाल व हंसराज शामिल हुए।
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