हिमाचल में अब गावों में नहीं होगा बेतरतीव निर्माण, प्रारूप बनाएगी जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित उपसमिति
हिमाचल प्रदेश में अब गांवों में अनियोजित निर्माण नहीं होगा। इसके लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक उपसमिति का गठन किया गया है। मंत्रिमंडल ने कृषि योजनाओं की निगरानी के लिए एक नई प्रणाली को मंजूरी दी है। राजीव गांधी स्वरोजगार सौर ऊर्जा योजना के तहत सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ब्याज अनुदान दिया जाएगा। पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक परिषद की स्थापना की गई है।

हिमाचल प्रदेश के गांवों में अब व्यवस्थित निर्माण होगा। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के गावों में अब बेतरतीब निर्माण नहीं होगा। इसके लिए उपसमिति गठित की है। मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने के लिए आदर्श उपनियमों के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया।
इस उपसमिति में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल ने प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना और हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण परियोजना (जाईका चरण-2) के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित करने के लिए एक कुशल निगरानी प्रणाली को मंजूरी दी है।
यह प्रणाली विभिन्न विभागों, एसपीएनएफ और जाईका के बीच सामंजस्य स्थापित करने के साथ-साथ परियोजनाओं के प्रमुख कार्यक्रमों के तहत अपेक्षित परिणामों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सौर ऊर्जा परियोजना के लिए संशोधन को मंजूरी
हिमाचल प्रदेश के मूल निवासियों के लिए ब्याज अनुदान सहित भू-स्थलीय सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु योजना में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। इस योजना का नाम अब राजीव गांधी स्वरोजगार सौर ऊर्जा योजना होगा, जिसके अंतर्गत जनजातीय और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की भू-स्थलीय सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए ब्याज अनुदान दिया जाएगा। जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवाट से 2 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान और गैरजनजातीय क्षेत्रों में चार प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान किया जाएगा।
अब निवेश होगा सरल, नई योजनाओं की शुरुआत
मंत्रिमंडल ने राज्यों को पूंजी निवेश 2025-26 हेतु विशेष सहायता योजना के तहत हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन नियम, 2014 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही पर्यटन निवेश संवर्धन परिषद की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है, जिसका उद्देश्य पर्यटन निवेश को कुशलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से आकर्षित करना, उसका मूल्यांकन करना और उसे सुगम बनाना है।
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राज्य में फार्मा इकाइयों द्वारा उपयोग किए जाने वाले एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल, रेक्टिफाइड और अन्य स्पिरिट की खरीद, भंडारण, परिवहन, गुणवत्ता परीक्षण और आपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश सामान्य उद्योग निगम को नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

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