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    Himachal News: जीरो एडमिशन वाले 80 स्कूल होंगे बंद, 87 स्कूलों को मर्ज कर दी जाएगी को एजुकेशन

    Updated: Thu, 15 May 2025 02:26 PM (IST)

    हिमाचल सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में शून्य दाखिले वाले 80 स्कूलों को बंद किया जाएगा जहां इस वर्ष किसी भी विद्यार्थी ने एडमिशन नहीं लिया और शिक्षकों को सरप्लस पूल में रखा जाएगा। इसके साथ ही सरकार बालक-बालिका स्कूलों को मिलाकर 87 सह-शिक्षा स्कूल बनाएगी। कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को मर्ज करने और उनका दर्जा घटाने का भी निर्णय लिया गया है।

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    बैठक की अध्यक्षता करते शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर

     राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए एक और बड़ा निर्णय लिया है। प्रदेश में शून्य दाखिले वाले 80 स्कूलों को बंद किया जाएगा। इन स्कूलों में इस वर्ष किसी भी विद्यार्थी ने दाखिला नहीं लिया है। इनमें तैनात शिक्षक व गैर शिक्षकों को सरप्लस पूल में रखा जाएगा। उसके बाद इनकी तैनाती रिक्त स्थान पर की जाएगी।

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    समीक्षा बैठक में लिया गया निर्णय

    शिमला स्थित स्कूल शिक्षा निदेशालय लालपानी में बुधवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक शाम सात बजे तक चली। सरकार बालक व बालिकाओं के अलग-अलग स्कूलों को मर्ज कर 87 स्कूलों को सह शिक्षा बनाएगी।

    इन स्कूलों में लगातार दाखिले कम हो रहे थे। इसके लिए नया विकल्प दिया गया है। एक ही शहर व कस्बे में यदि बालक व बालिकाओं के अलग-अलग स्कूल हैं तो उन्हें मर्ज किया जाएगा।

    एक स्कूल में वरिष्ठ माध्यमिक सेक्शन यानी कक्षा 11 व 12 को रखा जाएगा और दूसरे में कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थी होंगे। शुरुआत कक्षा 11 व 12 से की जाएगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र जुब्बल से इसकी शुरुआत होगी। विभाग का तर्क है कि स्कूल मर्ज होने से विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और तीनों संकाय के पूरे शिक्षक मिलेंगे।

    स्कूल मर्ज भी होंगे,दर्जा भी घटेगा

    बैठक में स्कूलों को मर्ज करने व दर्जा घटाने का निर्णय लिया गया। सभी शिक्षा उपनिदेशकों ने प्रस्तुति दी। निर्णय लिया कि जिन वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में 10 विद्यार्थी हैं उनका दर्जा घटा कर उन्हें हाई स्कूल बनाया जाएगा। जबकि हाई स्कूल में 20 व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 25 विद्यार्थियों की संख्या है तो उन्हें मर्ज कर दिया जाएगा।

    इसके लिए पांच किलोमीटर की दूरी तय की गई है। स्कूल बंद होने को लेकर लगातार विरोध का सामना कर रही सरकार अब नए फार्मूले पर काम कर रही है। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्र संख्या कम है तो उसका दर्जा घटाकर हाई स्कूल बनाया जाएगा। यानी कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा। अन्य स्कूलों यानी हाई व मिडल के लिए भी यही विकल्प होगा।

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