हिमाचल में सतलुज नदी में फंसे दो बच्चे, NTPC ने बंद किए बांध के गेट, रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाले गए
हिमाचल के बिलासपुर में सतलुज नदी में खेल रहे तीन बच्चों में से दो जलस्तर बढ़ने से फंस गए। एनटीपीसी ने तत्परता दिखाते हुए बिजली उत्पादन रोककर बांध के गेट बंद किए जिससे जलस्तर कम हुआ। राजेंद्र कुमार ने रस्सियों की मदद से बच्चों को सुरक्षित निकाला। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एनटीपीसी को करोड़ों का नुकसान हुआ लेकिन बच्चों की जान बचाई गई।

जागरण संवाददाता, सुंदरनगर। बिलासपुर जिले के खंगड़ में बुधवार देर शाम सतलुज नदी में खेलते तीन बच्चों में से दो अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण बीच में फंस गए। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने मानवता का परिचय देते हुए करोड़ों रुपये का नुकसान उठाकर बच्चों की जान बचा ली।
जान बचाने के लिए टापू पर चढ़ गए थे 2 बच्चे
बुधवार शाम करीब पांच बजे खंगड़ के रहने वाले कृष चंदेल, अनुज और एक लड़की सतलुज नदी के किनारे बने रेत के मैदान पर खेल रहे थे। अचानक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। कृष व अनुज जान बचाने के लिए एक टापू पर चढ़ गए। तीसरी बच्ची समय रहते सुरक्षित स्थान पर पहुंच गई। तेज बहाव के कारण फंसे दोनों बच्चों का बिना सहायता से वहां से निकलना असंभव हो गया था। दोनों बच्चों की चीख-पुकार सुनकर लोग घटनास्थल पर पहुंचे।
दो घंटों तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
सूचना मिलते ही निचली भटेड़ पंचायत की वार्ड तीन की सदस्य अंजना कुमारी ने एनटीपीसी प्रबंधक से संपर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया। एनटीपीसी प्रबंधन ने बिना देर किए बिजली उत्पादन रोक बांध के गेट बंद दिए। इससे सतलुज नदी का जलस्तर कम हो गया।
जलस्तर घटते की क्षेत्र के राजेंद्र कुमार ने बहते पानी के बीच रस्सियों के सहारे हिम्मत दिखाते हुए बच्चों तक पहुंचकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। यह पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग दो घंटे चला। बच्चों को बचाने के इस प्रयास में एनटीपीसी को अपने प्रोजेक्ट को पूरी तरह बंद करना पड़ा। इसके कारण न केवल बिजली आपूर्ति बाधित हुई, बल्कि करोड़ों रुपये का जुर्माना भी चुकाना पड़ा।

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