हिमाचल प्रदेश में इमारती लकड़ी की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी, वन विभाग ने जारी की अधिसूचना
हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने इमारती लकड़ी की खरीद-फरोख्त की नई दरें तय की हैं जिनमें 10% की वृद्धि शामिल है। यह फैसला निजी वन उपज के लिए लिया गया है जिससे किसानों को लाभ होगा। सबसे ज्यादा देवदार की लकड़ी की कीमत मंडी के नाचन में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन ने इस बारे में अधिसूचना जारी की है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। वन विभाग ने इमारती लकड़ी की खरीद-फरोख्त को लेकर नई दरें तय कर दी हैं। राज्य सरकार ने कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। निजी वन उपज की यह कीमत तय की गई है। यह फैसला हिमाचल प्रदेश वन उपज (व्यापार का विनियमन) अधिनियम, 1982 की धारा-7 के प्रथम प्रविधान के तहत लिया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वन कमलेश कुमार पंत की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। प्रदेश के हर वन मंडल में लकड़ी की कीमत अलग अलग तय की गई है। देवदार की लकड़ी की सबसे ज्यादा कीमत मंडी के नाचन में 15576 घन मीटर (प्रति क्यूबिक मीटर) है। चौपाल में 15326 घन मीटर चौपाल में तय किया है। इसी तरह राजगढ़ में 15038 घनमीटर दाम तय किया गया है। इसका लाभ किसानों और भू मालिकों को होगा।
हिमाचल में यह खरीद वन विकास निगम करता है। हर बीट में इस तरह की खरीद दस-दस साल के अंतराल में की जाती है। प्रदेश वन विभाग ने पतली और चौड़ी पत्ती वाले वन्य उत्पादों की वन निगम से खरीद के लिए नए दाम तय कर दिए हैं।
सरकार का कहना है कि समय-समय पर दरों में संशोधन आवश्यक है ताकि बदलते आर्थिक हालात और बाजार भावों को ध्यान में रखते हुए निजी वन उपज की कीमतों का निर्धारण हो सके। देवदार, कैल, चीड़, सैल, ओक सहित अन्य प्रजातियों की लकड़ियों के ये दाम तय किए गए हैं। राज्य के 34 वन मंडलों में ये दाम तय किए गए हैं।
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