शिमला: कोटखाई में भयंकर अग्निकांड, कड़ाके की सर्दी में 8 परिवार हो गए बेघर, जरूरी कागजात भी नहीं बचा पाए प्रभावित
शिमला के कोटखाई में भीषण आग लगने से आठ परिवार बेघर हो गए। आग गरावग पंचायत के बड़वी गांव में लगी, जिससे चार मकान जलकर राख हो गए। दमकल विभाग की टीम देर ...और पढ़ें

जिला शिमला के कोटखाई में गांव में भड़की आग। जागरण
संवाद सूत्र, कोटखाई (शिमला)। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कोटखाई क्षेत्र में भयंकर अग्निकांड हो गया। गरावग पंचायत के तहत बड़वी गांव में बुधवार दोपहर आग लगने से चार मकान जल गए। समय के साथ आग ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि 50 कमरों वाला पूरा मकान समूह राख के ढेर में तब्दील हो गया।
इन मकानों में कुल आठ परिवार रहते थे, इनके आशियाने पूरी तरह नष्ट हो गए। आग की शुरुआत प्रकाश सावंत के मकान से बताई जा रही है। अचानक उठे धुएं और लपटों को काबू करने में परिवारजन असमर्थ रहे। कुछ ही मिनटों में आग पड़ोस के मकानों तक फैल गई।
इन परिवारों का घर व सारा सामान जला
पीड़ित परिवारों में प्रकाश सांवत, प्रताप सांवत, बलवीर सावंत, सुरेश सांवत, मूरतू देवी पत्नी जोबन दास, राजेंद्र, प्रवीण और अमित के परिवार शामिल हैं, जिनका सब कुछ जलकर राख हो गया।
एक घंटे बाद पहुंची दमकल की टीम
इस घटना की सूचना मिलते ही कोटखाई दमकल विभाग लगभग एक घंटे बाद मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक आग पूरी तरह फैल चुकी थी। इसके बाद चमैन, जुब्बल और रोहड़ू से भी दमकल वाहन पहुंचे और आग को काबू में करने की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। गांव में देर शाम तक जलने की गंध और धुएं के गुबार उठते दिखाई देते रहे।
आग लगने से 7 करोड़ रुपये का नुकसान
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, आग लगने से लगभग सात करोड़ रुपये का भारी नुकसान आंका गया है। परिवारजन घरों से कुछ भी नहीं बचा सके, जेवरात, कपड़े, ज़रूरी दस्तावेज़ और घरेलू सामान सब कुछ आग की भेंट चढ़ गया।
प्रशासन ने प्रभावितों के ठहरने की व्यवस्था की
नायब तहसीलदार कोटखाई, कलम सिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को फौरी राहत के रूप में प्रति परिवार पांच हजार रुपये प्रदान किए गए हैं। साथ ही बेघर हुए परिवारों के ठहरने की गांव में ही तुरंत व्यवस्था कर दी गई है।
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लोग बोले, क्षेत्र की सबसे बड़ी आग की घटना
स्थानीय लोगों ने इस हादसे को क्षेत्र की हालिया समय की सबसे बड़ी आग की घटना बताया और प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए सरकार एवं प्रशासन से शीघ्र अतिरिक्त मदद की मांग की है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अग्निशमन विभाग के वाहन देरी से पहुंचे। इस कारण समय पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

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