हिमाचल में 1.24 लाख लोगों का सरकारी भूमि पर कब्जा, सरकार कैसे बचाएगी बेघर होने से? CM ने सदन में स्पष्ट की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में 1.24 लाख से अधिक लोगों द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की और कहा क ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, धर्मशाला। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में सरकारी भूमि पर 1,24,870 लोगों का कब्जा है। इनमें से कई लोगों ने सरकारी भूमि पर घर बनाए हैं और कुछ लोग खेती भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इन लोगों को बेघर होने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखेगी।
धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बुधवार को विधायक जीत राम कटवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दखल देते हुए मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी।
सरकार नामी वकील खड़े करेगी
सीएम ने कहा कि जिस प्रकार लोकतंत्र की रक्षा के लिए नामी अधिवक्ताओं को खड़ा किया गया था, उसी तरह इस मामले में भी सरकार तैनात करेगी। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने पांच अगस्त, 2025 को इन कब्जों को हटाने के आदेश दिए हैं।
कब्जे नियमित करने की नीति बनी तो 1.60 लाख लोगों ने किया था आवेदन
इससे पहले, कटवाल के प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि पूर्व भाजपा सरकार ने 2002-03 में एक नीति बनाई थी, जिसमें अवैध कब्जों को नियमित करने की बात कही गई थी। इस नीति के तहत प्रदेश में 1.60 लाख से अधिक लोगों ने रातोंरात आवेदन किया, जिससे ये अवैध कब्जे सामने आए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अधिकांश गैर-राजस्व भूमि वन भूमि है और जब तक केंद्र सरकार वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में संशोधन नहीं करती, तब तक सरकार एक बिस्वा भूमि भी किसी को नहीं दे सकती।
पूर्व सरकार की लापरवाही से लोगों के बेघर होने की नौबत
राजस्व मंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सरकार इस मामले में लापरवाह रही, जिसके कारण आज एक लाख से अधिक लोगों के बेघर होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने बताया कि पूर्व सरकार द्वारा बनाए गए कानून-163 ए को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है, इसलिए इस समस्या के लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेदार है।
जयराम बोले, मेरा सवाल सीएम से...प्रयास करेगी सरकार
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल पूछते हुए कहा कि उनका सवाल मुख्यमंत्री से है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा इस नीति का उद्देश्य दशकों से सरकारी जमीन पर रह रहे लोगों को उनकी भूमि का कब्जा दिलाना था। मौजूदा सरकार ने इस मामले को अदालत में सही तरीके से नहीं रखा, जिसके कारण 1.24 लाख से अधिक परिवारों के बेघर होने का संकट उत्पन्न हुआ है। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इन गरीब लोगों के घर बचाने के लिए प्रयास करेगी। जयराम ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सीपीआइ (एम) पहले ही चली गई है और उन्होंने स्टे लिया है।
हमारा साथ दे विपक्ष हम धरने पर बैठने को तैयार : नेगी
जगत सिंह नेगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बात को घूमा रहे हैं। विपक्ष साथ दें, हम दिल्ली जाने को तैयार है। यहां तक की जंतर मंतर के धरने पर बैठने को भी तैयार है। मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए फिलहाल किसी भी तरह की पुनर्वास या राहत नीति तैयार करना संभव नहीं है।
किस जिला में कितने कब्जे
- जिला कब्जे
- शिमला 22,092
- सिरमौर 483
- सोलन 70
- मंडी 20,617
- चंबा 8,998
- बिलासपुर 7,212
- ऊना 10,365
- किन्नौर 4,767
- कांगड़ा 37,956
- हमीरपुर 8,992
- कुल्लू 3,228
- लाहुल स्पीति 0
- कुल 1,24,780
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