हिमाचल: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल का कठोर कारावास, शराब के नशे में घुस गया था घर में
शिमला की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक दोषी को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया है और उसे पीड़िता को मु ...और पढ़ें

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने कठोर कारावास की सजा दी है। प्रतीकात्मक फोटो
संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर (शिमला)। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दोषी को कड़ी सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने आरोपित 40 वर्षीय नानक चंद निवासी रचोली डाकघर खनेरी तहसील रामपुर जिला शिमला साल को बीएनएस व पॉस्को अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
आदेश की जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि दिनांक 12 अक्टूबर 2024 को 11 साल की पीड़िता घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता काम के संदर्भ मे कहीं और गए हुए थे। करीब 11 बजे रात को तपेन्द्र बहादुर व उसकी पत्नी ने पीड़िता के घर से चिल्लाने की आवाजे सुनी, उस पर दोनों ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि आरोपी अर्ध नंग्न अवस्था में पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर रहा था।
शराब पीकर लड़की के कमरे में घुस गया था
उनके पूछने पर पीडिता ने बताया कि आरोपित शराब पीकर 7.30 बजे शाम को उसके कमरे में आया। उसके साथ गलत काम कर रहा है। इस बीच आरोपित वहां से भागने में सफल रहा। अगली सुबह पीड़िता के माता पिता के घर आने पर थाना रामपुर में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई व आरोपित को गिरफ्तार किया जो कि अभी तक भी जेल में बंद है।
20 गवाहों के बाद दोषी करार
ट्रायल के दौरान 20 गवाहों के साक्ष्य दर्ज किए गए। सभी साक्षियों, रिजल्ट व विशेष लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत की गई दलीलों के आधार पर में अदालत ने आरोपित के खिलाफ लगाए गए आरोप सही पाए व उसे दोषी करार दिया। उसे 20 वर्ष सशक्त कारावास की सजा सुनाई।
दो लाख मुआवजा देने का भी आदेश
अदालत ने पीड़िता को दो लाख मुआवजा सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम के तहत देने के आदेश भी दिए। सरकार की तरफ से मुकदमें की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की।

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