शिमला शहर में एंट्री पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार, वाहन चालकों की जेब होगी ढीली; ऑनलाइन करना होगा भुगतान
शिमला शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार है। नगर निगम ने राज्य सरकार को प्रस्ताव दोबारा भेजा है, जिससे 12 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। बड़े वाहनों के लिए तीन सौ रुपये का टैक्स प्रस्तावित है। इसे ऑनलाइन और बैरियर-मुक्त तरीके से लागू करने की तैयारी है।

नगर निगम ने शिमला शहर में ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है। जागरण आर्काइव
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बाहर से आने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की पूरी तैयारी है। नगर निगम प्रशासन ने राज्य सरकार की ओर से वापस आए प्रस्ताव को फिर से तैयार किया है। इसकी प्रस्तुति राज्य सरकार और शहरी विकास विभाग को दी जानी है। इसके लिए नगर निगम के अधिकारियों से समय मांगा है।
अधिकारियों से समय मिलने के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। बता दें कि नगर निगम की ओर से इसे लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। सरकार ने इसमें 5 से 6 सुधार कर दोबारा से बनाने के लिए वापस भेजा था।
अब निगम की ओर से इसे दोबारा बनाने के लिए भेजा गया। अब इसे सरकार के पास फिर से भेजने से पहले प्रस्तुति देने की तैयारी है।
12 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय होने की उम्मीद
नगर निगम को ग्रीन टैक्स लागू करने के बाद 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय होने की उम्मीद है। निगम ने इसे पहले भी एक बार राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगा दिया था, लेकिन हाई कोर्ट के निर्देश के बाद इसे हटाना पड़ा था।
अब बैरियर फ्री तरीके से लगाने की तैयारी
अब निगम ने बैरियर फ्री तरीके से लागू करने की तैयारी करने का प्रस्ताव तैयार किया है। नगर निगम लंबे समय से आय के नए संसाधन तलाशने की दिशा में काम कर रहा है, लेकिन निगम को ज्यादा सफलता नहीं मिल रही है। अब निगम ने इस बार फिर से इसी दिशा में एक प्रयास किया है, जिसमें शहर में बाहर से आने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है।
बड़े वाहनों के लिए 300 रुपये तय
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अन्य राज्यों से आने वाली गाड़ियों को ग्रीन टैक्स चुकाना होगा। नगर निगम के प्रस्ताव में बस और ट्रक जैसे बड़े वाहनों के लिए 300 रुपये, कार के लिए 200 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए 50 रुपये ग्रीन टैक्स तय किया है।
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अब ऑनलाइन सुविधा के साथ लागू करने की तैयारी
पिछले पांच से छह सालों से निगम इस प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी कर रहा है। अभी तक इसे लागू नहीं कर पाया है। पहले एक बार इसे बैरियर लगाकर लागू किया था। उस समय राष्ट्रीय राजमार्ग का अनापत्ति पत्र न होने के कारण हाई कोर्ट के आदेश पर बंद करना पड़ा था। अब इसे बिना बैरियर के ही ऑनलाइन सुविधा के साथ लागू करने की तैयारी है।

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