शिमला में संजौली के बाद एक और विवाद, नेरवा में सरकारी जमीन पर बना दी 3 मस्जिदें; हिंदू रक्षा मंच ने खोला मोर्चा
शिमला के नेरवा में सरकारी जमीन पर तीन मस्जिदों के निर्माण का मामला सामने आया है। हिंदू रक्षा मंच ने इस मुद्दे को उठाया है और जिला प्रशासन से कार्रवाई ...और पढ़ें

शिमला में मंगलवार को पत्रकार वार्ता करते हिंदू रक्षा मंच के पदाधिकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में संजौली मस्जिद के बाद एक और विवाद सामने आया है। जिला के नेरवा में सरकारी जमीन पर तीन मस्जिदों का निर्माण हुआ है। हिंदू रक्षा मंच ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही है।
मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि तहसीलदार नेरवा ने आरटीआई में मांगी गई सूचना के जवाब में यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इनमें एक मस्जिद मुल्शाक, एक जनोग और एक भाबिया में है।
अधिकारियों ने ख़ुद माना है कि दो रहमान मस्जिद और एक बिलाल मस्जिद का निर्माण सरकारी जमीन पर हुआ है।
हिंदू रक्षा मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर जिला प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग उठाई है। इस संबंध में जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपने वाले हैं। कमल गौतम ने कहा कि यह सब कुछ सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है।
2024 में नेरवा में किया था लोगों ने प्रदर्शन
पहले भी सितंबर 2024 को नेरवा के स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण के ख़िलाफ बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जानबूझकर डेमोग्राफी को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में अलग-अलग स्थानों पर सरकारी जमीन हड़प कर मस्जिदों और मज़ारों का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हिंदू रक्षा मंच को अगर दोबारा भी अवैध निर्माण के विरोध में सड़कों पर उतरना पड़ा, तो वे इसके लिए तैयार हैं।
धारा 118 में संशोधन बर्दाश्त नहीं
हिंदू रक्षा मंच ने धारा 118 से छेड़छाड़ का विरोध किया है। मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने कहा कि सरकार प्रदेश के हिंदुओं के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि धारा 118 के साथ किसी तरह का भी कोई बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए अगर हिंदू रक्षा मंच को आंदोलन भी करना पड़ा, तो वे इससे पीछे नहीं हटेंगे।
विपक्ष पर भी साधा निशाना
मंच ने विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि विधानसभा के बाहर भी इस प्रस्तावित संशोधन का विपक्ष को जिस तरह विरोध करना चाहिए था, वह नहीं किया गया। उन्होंने इस बारे में जिलाधीश के माध्यम से राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा है।
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सरकार के मंत्रियों की भी मिलीभगत
उन्होंने कहा कि इसमें सरकार के कुछ मंत्रियों की भी मिलीभगत है। जिला कांगड़ा में 500 कनाल भूमि को बेचने की तैयारी चल रही है, इसी तरह कई अन्य मामले भी हिंदू रक्षा मंच के ध्यान में आए हैं, रक्षा मंच का मानना है कि इसका असर आने वाले वक्त में राज्य की डेमोग्राफी पर भी पड़ेगा।

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