श्री चिंतपूर्णी की तर्ज पर हिमाचल के अन्य शक्तिपीठों में भी ऑनलाइन दर्शन सुविधा शुरू करेगी सरकार
Himachal Pradesh Temple हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में अब चिंतपूर्णी मंदिर की तर्ज पर ऑनलाइन दर्शन की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पहल को आगे बढ़ाया है जिससे बुजुर्गों और दिव्यांगों को आसानी से दर्शन हो रहे हैं। सरकार सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए 550 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में श्री चिंतपूर्णी मंदिर की तर्ज पर ऑनलाइन दर्शन की सुविधा शुरू की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अगस्त, 2023 में माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में ‘सुगम दर्शन प्रणाली’ शुरू की गई है। इस सुविधा के शुरू होने से मंदिर में भीड़ का प्रबंधन आसानी से हो रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में पहल की है।
बुजुर्गों और विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को मंदिर में सुगमता से दर्शन हो रहे हैं। ऑनलाइन लंगर बुकिंग और आनलाइन दर्शन जैसी डिजिटल सेवाएं भी आरंभ की गई हैं। प्रदेश के अन्य मंदिरों में भी यह सुविधा शीघ्र ही आरंभ की जाएगी।
सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए 550 करोड़ मंजूर
राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में सरकार ने अब तक 550 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की है। प्रदेश में लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से प्राचीन मंदिरों, किलों और पुरातन स्थलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से अधिग्रहित मंदिरों में विभिन्न विकास कार्यों के लिए लगभग 37 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
श्रीज्वालाजी और श्रीनैना देवी के लिए 100-100 करोड़ स्वीकृत
माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर की तर्ज पर अन्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्त्वाकांक्षी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के लिए 56.26 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं और लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य परिसर का निर्माण किया जा रहा है। माता श्री ज्वालाजी और माता श्री नैना देवी मंदिरों के लिए भी 100-100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
पुजारियों को दिया गया प्रशिक्षण
मंदिरों के पुजारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस क्रम में हाल ही में माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के 15 और माता श्री नैना देवी मंदिर के 10 पुजारियों को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के माध्यम से आनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। छोटे मंदिरों को पूजा-अर्चना के लिए दी जाने वाली राशि को वर्ष 2025-26 में दोगुना कर दिया गया है।
बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय स्थापित होगा
प्रदेश सरकार ने शिमला स्थित ऐतिहासिक बैंटनी कैसल का जीर्णोद्धार कर इस ऐतिहासिक इमारत को एक नया स्वरूप प्रदान किया है। सितंबर, 2023 में यहां लाईट एंड साउंड शो शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त यहां जल्द ही एक डिजिटल संग्रहालय भी स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए लगभग 25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। परिसर में स्थानीय शिल्प और व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए ‘पहाड़ी आंगन’ स्टाल भी स्थापित किए गए हैं, जो दिल्ली हाट की तर्ज पर आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
मेलों और सांस्कृतिक गतिविधियां
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मेलों के लिए वर्ष 2023-24 में 66.50 लाख रुपये और 2024-25 में 1.10 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। गैर सरकारी संस्थाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वर्ष 2023-24 में 70.40 लाख रुपये और वर्ष 2024-25 में 58.35 लाख रुपये दिए गए हैं।
हिम महोत्सव दिल्ली हाट जैसे कार्यक्रम
हिमाचल राज्य संग्रहालय, शिमला ने जनवरी, 2024 में अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे किए। संग्रहालय की 28 दीर्घाओं में रखी गई 1,500 से अधिक दुर्लभ वस्तुओं की प्रदर्शनी से आगंतुकों को ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध होती है। शिमला म्यूजिक फेस्टिवल और हिम महोत्सव दिल्ली हाट जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। संस्कृत और टांकरी लिपि पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जाता है।
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