Himachal School News: भवन को खतरा तो स्कूल में होगी छुट्टी, बरसात में खतरे से निपटने को निर्देश जारी
हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त भवनों वाले स्कूलों में छुट्टी घोषित की जाएगी। उपायुक्त शिमला ने सभी विभागों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं और स्कूलों को अपने भवनों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। आपदा की स्थिति में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। जिले में खुदाई कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh School News, हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है, इस कारण खतरे को भांपते हुए सरकार स्कूलों में अवकाश की घोषणा भी कर रही है। क्षतिग्रस्त भवनों वाले स्कूलों में भारी बरसात के दौरान छुट्टी की घोषणा कर दी जाएगी। उपायुक्त शिमला ने मंगलवार को सभी विभागों के साथ बैठक के दौरान इस संबंध में आदेश दिए। उन्होंने सभी विभागों को अलर्ट रहने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जिला में सभी स्कूल फ़िलहाल खुले रहेंगे। अगर किसी क्षेत्र में कोई आपदा या अन्य समस्या आती है तो संबंधित उपमंडल दंडाधिकारी स्कूल बंद करने के लिए आदेश जारी करेंगे।
उन्होंने सभी स्कूलों को अपने भवन की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अगर किसी स्कूल के भवन को खतरा है तो ही स्कूल बंद करने से संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आपदा की स्थिति में स्कूल बंद किए जाते हैं तो आनलाइन माध्यम से पढाई जारी रहेगी, जिसके लिए सभी स्कूल अपने ऑनलाइन तंत्र को तैयार रखें।
उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि मानसून में लगातार भारी बारिश से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर काफी नुकसान हुआ है और जिला शिमला भी इसका असर देखने को मिला है लेकिन जिला प्रशासन हर आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से सजग और तैयार है।
जिला में खुदाई के काम बंद
अनुपम कश्यप ने कहा कि मानसून के दौरान पूरे जिला में खुदाई, उत्खनन और कटाई कार्य पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा ताकि बारिश से भूस्खलन न हो। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी कटाई वाले स्थानों को तरपाल से ढकने के भी निर्देश दिए ताकि कोई भूस्खलन न हो और किसी भी सरकारी और निजी भूमि को नुकसान हो।
विभागों को अलर्ट रहने का आदेश
उपायुक्त ने जिला नियंत्रक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले को निर्देश दिए की आपदा की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हर क्षेत्र में 2-3 डाक्टर की टीम तैनात रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।