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    बीजेपी के नहले पर दहला मार सकती है कांग्रेस, क्या एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ रहा है हिमाचल?

    Updated: Mon, 18 Nov 2024 11:45 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर उपचुनाव की नौबत आ सकती है। दरअसल मुख्य संसदीय सचिवों पर आए हाई कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा छह सीपीएस के अलावा कैबिनेट रैंक पाने वाले तीन अन्य विधायकों की सदस्यता पर सवाल उठा रही है। वहीं कांग्रेस की नजर भाजपा के उन नौ विधायकों पर है जिनका मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है।

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    CPS पर आए हाई कोर्ट के निर्णय के बाद भाजपा-कांग्रेस में घमासान (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) पर आए हाई कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अभी इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच जुबानी जंग चल रही है।

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    असली पटकथा पर्दे के पीछे से लिखी जा रही है। दोनों दल एक-दूसरे को मात देने के लिए रणनीति बना रहे हैं। भाजपा छह सीपीएस के अलावा कैबिनेट रैंक पाने वाले तीन अन्य विधायकों की सदस्यता पर भी प्रश्न उठा रही है।

    भाजपा के 9 विधायकों पर नजर गड़ाई है कांग्रेस

    वहीं, कांग्रेस की नजर भाजपा के उन नौ विधायकों पर टिकी है, जिनका मामला विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। भाजपा कांग्रेस के नौ विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए राज्यपाल के पास जाने की तैयारी में है जबकि कांग्रेस भी भाजपा के नौ विधायकों पर नजर गड़ाए बैठी है। तीर दोनों तरफ कमान से बाहर निकलने वाले हैं दोनों नहले पर नहला मारने के चक्कर में हैं। बस नजर इस बात पर है कि पहल कौन करेगा।

    भाजपा विधायकों पर सदन में हंगामा करने का आरोप

    इन्हीं राजनीतिक सरगर्मियों के बीच भाजपा के नौ विधायकों की सदस्यता को लेकर भी चर्चा तेज हो हो गई है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायकों पर सदन में हंगामा करने का आरोप है। इस दौरान यह आरोप भी लगा है कि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास जाकर इन्होंने कागज फाड़े थे।

    इन भाजपा विधायकों पर विस अध्यक्ष लेंगे निर्णय

    शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की थी। इस पर विधानसभा अध्यक्ष का निर्णय आने वाले समय में आ सकता है। यदि अध्यक्ष इस पर निर्णय लेंगे तो भाजपा पर मुश्किल आ सकती है।

    इन विधायकों में ऊना से सतपाल सत्ती, नाचन से विनोद कुमार, चुराह से हंसराज, बंजार से सुरेंद्र शौरी, सुलह से विपिन परमार, बिलासपुर से त्रिलोक जम्वाल, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, आनी से लोकेंद्र कुमार और करसोग से दीपराज का नाम शामिल है।

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    क्या फिर राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ेगा हिमाचल?

    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें नोटिस दे रखे हैं। इनके जवाब भी आ गए है। अब कार्रवाई होनी शेष है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में फिर उपचुनाव की आहट सुनाई देगी।

    सभी के मन में इस तरह का प्रश्न कौंध रहा है कि क्या प्रदेश फिर राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ेगा, क्योंकि इस साल फरवरी में राज्यसभा चुनाव के दौरान हुए घटनाक्रम के बाद भी उपचुनाव की स्थिति पैदा हुई थी।

    अब फिर से उसी तरह की स्थिति पैदा होने के आसार बन रहे हैं। वर्तमान में 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 व भाजपा के 28 विधायक हैं।

    बजट सत्र के दौरान भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर जो व्यवहार किया और कागज फाड़े उसको लेकर कांग्रेस के विधायकों ने शिकायत विधानसभा अध्यक्ष को की है। विधानसभा अध्यक्ष इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्र अधिकार में यह मामला आता है। भाजपा विधायकों का जो आचरण था वह गलत था, जिसको लेकर कांग्रेस को शिकायत करनी पड़ी।

    -नरेश चौहान, प्रधान मीडिया सलाहकार, मुख्यमंत्री।

    कल हिमाचल लौटेंगे राज्यपाल

    राज्यपाल अभी हिमाचल से बाहर है। उनका 19 नवंबर को लौटने का कार्यक्रम है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य हर्ष महाजन कह चुके हैं कि राज्यपाल से मिलकर कांग्रेस के नौ विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की जाएगी।

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