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    Himachal Panchayat Chunav: रोस्टर जारी होने से पहले दावेदारी का दौर शुरू, चौपाल ही नहीं सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 07:02 PM (IST)

    Himachal Pradesh Panchayat Chunav हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनावों की सरगर्मी बढ़ गई है। मतदाता सूचियों का प्रारूप जारी होने के बाद स्थानीय नेताओं ने दावेदारी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुपों पर प्रत्याशियों के नाम की चर्चा ज़ोरों पर है। पुराने और वर्तमान प्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।

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    हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव का दौर तेज हो गया है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh Panchayat Chunav, हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने का समय बचा है। वहीं राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों को मतदाता सूचियों का प्रारंभिक प्रारूप भी जारी कर दिया है। हालांकि पंचायत चुनाव के लिए अभी जिला में रोस्टर जारी नहीं हुआ है। ऐसे में जिला में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं।

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    जिला में पंचायतों के स्थानीय नेताओं की ओर से रोस्टर जारी होने से पहले ही दावेदारी पेश की जाने लगी है। कई पंचायतों में जहां नेता स्वयं दावेदारी पेश कर रहे हैं, तो कई जगह पर उनके समर्थकों की ओर से दावेदारी पेश की जा रही है।

    गांव की चौपाल ही नहीं इंटरनेट मीडिया पर पंचायतों के वाट्सएप ग्रुप भी अब सक्रिय हो गए हैं। इन ग्रुप पर भी प्रत्याशियों के नामों पर खूब चर्चाएं हो रही हैं। पुराने प्रतिनिधि जहां वर्तमान प्रतिनिधियों की कमियां उजागर कर रहे हैं, तो वहीं वर्तमान प्रतिनिधि उनके कार्यकाल में हुए कामों को गिना रहे हैं।

    अधिकतर पंचायतों में वाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। यह ग्रुप पंचायत की आवाज, हमारी पंचायत, पंचायत की बात, पंचायत विकास मंच और पंचायत वायस जैसे नामों से बनाए गए हैं। इन पंचायतों में जहां सामान्य दिनों में पंचायतों से जुड़े आम मुद्दों पर चर्चा होती है, तो वहीं चुनाव आते-आते, इन ग्रुपों में भी राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो जाता है। शिमला जिले में 412 पंचायतें हैं। हर पंचायत में 200 से लेकर 300 लोगों को ग्रुप बनाए जा रहे हैं।

    ऐसे होती है चर्चा की शुरुआत

    व्हाटसऐप ग्रुप में सुबह के समय रोजाना की तरह शुभ प्रभात एवं गुड मार्निंग जैसे संदेश से शुरुआत होती है। दोपहर बाद में राजनीतिक संदेशों का दौर शुरू हो जाता है। पंचायत के किसी विकास कार्य को लेकर चर्चा शुरू होती है। इसके बाद स्थानीय नेताओं एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू होता है। इन वाट्सएप ग्रुप में पंचायत के वरिष्ठ लोगों के साथ युवा भी शामिल हैं। युवा भी इन चर्चाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और रात 11 से 12 बजे तक बहस चलती रहती है।

    मतदाता सूचियां बनाने में दावेदार निभाएंगे सक्रिय भूमिका

    जिला में प्रशासन की ओर से मतदाता सूचियों का प्रारंभिक प्रारूप जारी कर दिया गया है। ऐसे में जिन लोगों का मतदाता सूचियाओं में नाम दर्ज नहीं है। उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए भी चुनाव लड़ने के दावेदार सक्रिय भूमिका निभाते हैं। पंचायत चुनावों में एक-एक वोट मायने रखता है। ऐसे में हर प्रत्याशी चाहता है कि कोई भी प्रत्याशी वोट डालने से न चूके।

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    खासकर प्रत्याशियों की ओर से सभी प्रत्याशियों की सूची पहले से ही तैयार कर दी जाती है। इनमें से कितने मतदाता उनके पक्ष में मतदान कर सकते हैं। यह अंदाजा भी पहले लगा लिया जाता है। इनमें से कोई वोट देने से न चूके, इसके लिए मतदाता सूचियों में प्रत्याशी इनका नाम जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।

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