हिमाचल में 40 हजार आउटसोर्स कर्मचारी कर रहे नीति का इंतजार, कोर्ट के निर्णय के बाद क्या मिलेगी राहत?
Himachal outsourced employees शिमला में सरकारी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य अनिश्चित है। वे नियमित कर्मचारियों के समान काम करते हैं लेकिन कम वेतन और सुविधाओं से वंचित हैं। उच्च न्यायालय ने बागवानी विभाग के कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है जिससे अन्य विभागों के कर्मचारियों में भी उम्मीद जगी है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal outsourced employees, राज्य के सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में आउटसोर्स आधार पर करीब 40 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। नियमित व अनुबंध आधार पर कार्यरत कर्मचारियों के बराबर ही ये विभाग में काम करते हैं। वेतन हो या फिर अन्य सुविधाएं जो सरकारी व अनुबंध कर्मचारियों को मिलती हैं वह इन्हें नहीं मिलती।
यहां तक की छुट्टियां भी कम मिलती हैं। वर्ष 2003 के बाद से ही आउटसोर्स आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति प्रारंभ हो गई थी। 2009 के बाद आउटसोर्स आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी आई।
20016 व 2017 में सबसे ज्यादा नियुक्तियां आउटसोर्स आधार पर की गई। शिक्षा, जलशक्ति, लोक निर्माण, बिजली बोर्ड के अलावा कुछेक अन्य विभागों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर संर्घष करते रहे हैं। इनकी मांग ये है कि सरकार इनके लिए कोई स्थायी पालिसी बनाकर जहां ये कार्यरत हैं वहीं पर मर्ज कर दे, ताकि इनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
10 से 20 हजार रुपये वेतन में सेवाएं दे रहे
इसको लेकर राजनीतिक दलों ने इनसे वादा भी किया। लेकिन नियमित करने के बजाए बजट में वेतन में मामूली बढ़ोतरी देकर ही इन्हें खुश करने का प्रयास किया गया है। हालात यह हैं कि कर्मचारी अभी भी 10 से 15 व 20 हजार में सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि सरकार के स्तर पर नियमित करने व स्थायी पालिसी बनाने के लिए काम भी शुरू हुआ। लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।
हाई कोर्ट ने बागवानी सोसायटी के कर्मियों को नियमित करने का दिया आदेश
हाई कोर्ट ने बागवानी विभाग में सोसायटी के तहत नियुक्त कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला सुनाया है। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को भी इसी तर्ज पर नियमित करेगी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बागवानी विभाग को आदेश दिए हैं कि वह अपने विभिन्न संस्थानों में अनुबंध पर नियुक्त सभी याचिकाकर्ताओं को नियमित करे।
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किसने क्या कहा
सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में कर्मचारी चाहे आउटसोर्स पर हो या अनुबंध व नियमित। सभी एक समान कार्य करते हैं। राज्य सरकार के समक्ष पहले भी ये मांग उठाई गई है। सरकार सभी विभागों, बोर्ड व निगमों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करें। कर्मचारियों को काफी कम वेतन मिलता है। महंगाई के दौर में इतने कम वेतन पर गुजारा करना संभव नहीं है।
-शैलेंद्र कुमार शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन।
एक पालिसी बनाकर करें नियमित : त्रिलोक
सरकार सभी विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी पालिसी बनाकर नियमित करें। कर्मचारी पिछले काफी समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सरकार के समक्ष इस मामले को प्रमुख्ता से उठाया जाएगा।
-त्रिलोक ठाकुर, अध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (त्रिलोक गुट)
अन्य कर्मचारियों को भी नियमित करे सरकार
प्रदेश उच्च न्यायालय ने बागवानी विभाग में सोसायटी के तहत कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला सुनाया है। इसी तर्ज पर आउटसोर्स कर्मचारियों को भी सरकार नियमित करें। लंबे समय से यह अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
-प्रदीप ठाकुर, अध्यक्ष, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (प्रदीप गुट)।
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