Himachal News: लोन लेकर कर्मचारियों के पेंशन मामलों को निपटाएगा 2200 करोड़ के घाटे में चल रहा HRTC, नहीं मिले हैं लाभ
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य देनदारियों के भुगतान के लिए 150 करोड़ रुपये का ऋण लेगा। निगम प्रबंधन ने यह निर्णय निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद लिया है। लगभग 250 कर्मचारियों को अभी तक पेंशन और ग्रेच्युटी जैसे लाभ नहीं मिले हैं। ऋण लेकर इन देनदारियों को इसी महीने चुकाया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े उपक्रम हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ऋण लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन व अन्य देनदारियों का निपटारा करेगा। निगम प्रबंधन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देनदारियों को चुकता करने व उनके पेंशन के मामलों का निर्धारण करने के लिए 150 करोड़ का ऋण लेने जा रहा है।
एचआरटीसी निदेशक मंडल (बीओडी) की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा हुई थी। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने इसको लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
250 कर्मचारियों व अधिकारियों को अभी तक नहीं मिले लाभ
वर्ष 2024 से लेकर अभी तक सेवानिवृत हुए करीब 250 कर्मचारियों व अधिकारियों को अभी तक पेंशन लगना तो दूर, ग्रेच्युटी व अर्जित अवकाश (लीव इनकैशमेंट) का पैसा भी नहीं मिला है। सालों तक निगम में सेवाएं देने के बाद कर्मचारी अब परेशान हैं व निगम कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे।
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दिए गए थे दो विकल्प
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के समक्ष भी उन्होंने अपना मामला उठाया था। उप मुख्यमंत्री ने प्रबंधन को दो विकल्पों पर काम करने के निर्देश दिए थे। पहले विकल्प के तहत कर्मचारी कम्यूटेशन नहीं लेते तो उनकी पेंशन लगा दी जाएगी। पेंशनरों से इसका विकल्प मांगा था। 35 के करीब पेंशनरों ने लिखकर दिया था कि उनकी पेंशन लगा दी जाए। जिसे निगम ने लगा दिया है, जबकि 250 के करीब कर्मचारी ऐसे थे जो कम्यूटेशन भी लेना चाहते थे।
इसी माह होगा पेंशन का निर्धारण
अब निगम प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि ऋण लेकर इनकी देनदारियों को चुकता किया जाएगा। एचआरटीसी प्रबंधन का कहना है कि बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद ऋण लेने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। इसी महीने पेंशन का निर्धारण किया जाएगा।
2200 करोड़ का है घाटा
एचआरटीसी का संचित घाटा बढ़कर 2200 करोड़ हो गया है। निगम का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। एचआरटीसी में अभी 10853 कर्मचारी काम कर रहे हैं। 2023 में 31 मार्च तक एचआरटीसी का कुल घाटा 1966 करोड़ था। जो लगातार बढ़ रहा है। एचआरटीसी के कुल 3400 के करीब बस रूट हैं।
ये हैं घाटे का बड़ा कारण
घाटे का सबसे बड़ा कारण निश्शुल्क सफर, रियायती पास, महिलाओं को किराये में 50 प्रतिशत की छूट है। 28 श्रेणियों को निशुल्क यात्रा जैसे सामाजिक दायित्व निभाते निभाते निगम की वित्तीय हालत खराब हो गई है। राज्य सरकार के पे- स्केल हैं और पुरानी पेंशन को भी लागू कर दिया गया है।
घाटे से पार पाना हुआ मुश्किल
निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। लेकिन घाटा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उससे पार पाना मुश्किल हो गया है। निगम अपने बस फ्लीट में कमी कर रहा है ताकी खर्चों को कम किया जा सके।
एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन के मामले लंबित थे। 35 के करीब मामलों में पेंशन लगा दी है। जो अन्य मामले लंबित है उनका निर्धारण इसी महीने कर दिया जाएगा। कर्मचारियों के सभी देय लाभ उन्हें जारी किए जाएंगे।
-अजय वर्मा, उपाध्यक्ष एचआरटीसी।
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