HRTC पेंशनरों को 30 तारीख को भी नहीं मिली पेंशन, प्रबंधन बोला- सरकार से नहीं मिला बजट, अब होगा संघर्ष
Himachal HRTC Pensioners हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सितंबर तक पेंशन नहीं मिली जिससे वे नाराज हैं। निगम प्रबंधन वित्तीय संकट का हवाला दे रहा है। पेंशनरों ने 15 अक्टूबर को प्रदर्शन करने का फैसला किया है। निगम सरकार से ग्रांट का इंतजार कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal HRTC Pensioners, हिमाचल पथ परिवहन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 30 तारीख बीतने के बाद भी मासिक पेंशन नहीं मिली है। मासिक पेंशन न मिलने से पेंशनर खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि सालों तक निगम में रात-दिन सेवाएं दी। अब बुढ़ापे में प्रबंधन उन्हें पेंशन तक नहीं दे रहा है। पूरा महीना पेंशन के इंतजार में बीत गया है।
दूसरी तरफ निगम प्रबंधन अपने वित्तीय स्थिति का रोना रो रहा है। आनन फानन में प्रबंधन ने पेंशन जारी करने के लिए राइडर लगा दिया। निगम के पास जो बजट था, उसे 65 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों को मासिक पेंशन जारी कर दी।
हालांकि ये पेंशन शिमला, मंडी सहित कुछेक स्थानों पर ही मिली। कुछ को पेंशन मिली ही नहीं भले ही उनकी उम्र 65 से अधिक क्यों न हो गई हो। निगम प्रबंधन के इस रवैये से पेंशनर खासे नाराज है। उन्होंने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है।
15 अक्टूबर को होगा प्रदर्शन
15 अक्टूबर को एचआरटीसी पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले निगम मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद पेंशनर सचिवालय जाएंगे व वहां पर भी प्रदर्शन करेंगे।
अन्य यूनियनों का सहयोग मांगा
एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि इसको लेकर निगम प्रबंधन को ज्ञापन भेज दिया है। इसके लिए उन्होंने चालक, परिचालक सहित अन्य यूनियनों का भी सहयोग मांगा है। पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी कि उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो वह आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
एक साल से नहीं हो रहा समय पर भुगतान
पेंशनरों का आरोप है कि उन्हें पिछले करीब एक साल से समय पर पेंशन नहीं मिल रही है। ऐसे में उन्हें घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनरों का कहना है कि समय पर पेश का भुगतान न होने से उन्हें रोजमर्रा के खर्चों, दवाइयों और परिवार का निर्वाह करने में कठिनाई हो रही है।
अगस्त में भी 30 को मिली पेंशन
अगस्त महीने में भी पेंशनरों को 30 तारीख को मासिक पेंशन मिली थी। इस बार तीस को भी सभी पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाई है। पेंशनरों का कहना है कि पिछले दो सालों से चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं हुआ है और एरियर व डीए का भुगतान भी लंबित है। लंबित भत्ते तो दूर की बात अब निगम प्रबंधन द्वारा पेंशनरों को निर्धारित समय पर पेंशन की अदायगी नहीं की जा रही है।
8500 पेंशनर हैं निगम में, हर महीने 23.50 करोड़ की जरूरत
एचआरटीसी को हर महीने 23.50 करोड़ मासिक पेंशन के लिए चाहिए होते हैं। पेंशनरों की संख्या करीब 8500 हैं। राज्य सरकार हर महीने एचआरटीसी को ग्रांट इन एड जारी करती है। इस महीने 56 करोड़ का बजट सरकार ने निगम को दिया था। इसमें से 46 करोड़ वेतन पर खर्च हो गए हैं। निगम ने सरकार से 12.60 करोड़ की अतिरिक्त ग्रांट मांगी थी। लेकिन सरकार ने केवल एक करोड़ दिया। निगम ने यह बजट वापिस कर अतिरिक्त ग्रांट मांगी है ताकि पेंशनरों की मासिक पेंशन जारी की जा सकें।
सरकार ने बजट नहीं आया, इसलिए देरी : निपुण जिंदल
एचआरटीसी प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि राज्य सरकार से अतिरिक्त ग्रांट की मांग की गई है। अभी तक ग्रांट जारी नहीं की गई है। जिसके चलते समय पर पेंशन जारी नहीं हो सकी है। जैसे ही ग्रांट आएगी पेंशन जारी कर दी जाएगी।
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