हिमाचल के शिक्षा सचिव व निदेशक पर अवमानना कार्रवाई के क्यों हुए आदेश, हाई कोर्ट किस मामले पर हुआ सख्त?
Himachal Pradesh High Court हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव और निदेशक के खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने कहा कि प्रतिवादियों को कानून और न्यायालय के आदेशों का सम्मान नहीं है। कोर्ट ने 24 सितंबर को आरोप तय करने और अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा है।

विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh High Court, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव और निदेशक के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई आरंभ करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध 24 सितंबर को आरोप तय करने और इस दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं।
न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अवमानना से जुड़े मामले की सुनवाई के पश्चात कहा कि प्रतिवादियों को कानून और इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का कोई सम्मान नहीं है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इन्हें अदालत के आदेशों का पालन करने का अंतिम अवसर दिया था और उन्हें ऐसा न करने पर कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने को कहा था। मामले की सुनवाई के दौरान न ही हाई कोर्ट के निर्णय का पालन किया गया और न ही प्रतिवादी उपस्थित हुए हैं।
कोर्ट ने इसे अवमानना का मामला बताया और उनके साथ कानून के अनुसार व्यवहार करने के लिए आरोप तय करने के लिए 24 सितंबर को मामले को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए।
इस याचिका में जारी किए आदेश
कोर्ट ने यह आदेश रमेश चंद राणा द्वारा दायर याचिका में जारी किए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी अनुबंध सेवा अवधि को पेंशन और वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए भी गिनने का हकदार पाया था परंतु शिक्षा विभाग द्वारा याचिकाकर्ता के दावे को खारिज कर दिया गया।
शिक्षा विभाग दिया था यह तर्क
शिक्षा विभाग का तर्क था कि हिमाचल प्रदेश भर्ती एवं सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम, 2024, जिसे कार्मिक विभाग द्वारा 19 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया है, के तहत प्रार्थी को यह लाभ नहीं दिए जा सकते।
कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा था कि जब हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्णय अंतिम हो चुका है तो इसे उपरोक्त अधिनियम के लागू होने के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।