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    हिमाचल पथ परिवहन निगम के पेंशनरों के मामले में सरकार व प्रबंधन को नोटिस, पहली तारीख को पेंशन न मिलने का मामला

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 01:37 PM (IST)

    Himachal Pradesh High Court हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एचआरटीसी पेंशनरों को हर महीने की पहली तारीख को पेंशन देने की याचिका पर सरकार और एचआरटीसी प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। याचिकाकर्ताओं ने समय पर पेंशन जारी करने के निर्देश देने का आग्रह किया है।

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    हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का शिमला स्थित परिसर। जागरण आर्काइव

    विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Pradesh High Court, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने एचआरटीसी के पेंशनरों को हर माह की पहली तारीख को पेंशन देने की मांग से जुड़ी याचिका में राज्य सरकार सहित एचआरटीसी प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अशोक पुरोहित व अन्य द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सभी प्रतिवादियों को जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। 

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    एचआरटीसी के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने याचिका में केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 83 का हवाला दिया है जिसे 2021 के संशोधन के तहत अपडेट किया था। इस नियम के अनुसार पेंशन हर माह के पहले कार्यदिवस को जारी करना अनिवार्य है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आग्रह किया है कि एचआरटीसी को पेंशन समय पर जारी करने के निर्देश दिए जाएं। 

    1995 में लागू की थी एचआरटीसी में पेंशन योजना 

    13 सितंबर 1995 को प्रदेश सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन अधिनियम, 1950 की धारा 34 के तहत एचआरटीसी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना लागू की थी। यह योजना सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के अनुरूप अपनाई थी। इसमें समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा किए संशोधन भी लागू होते हैं।

    छह अक्टूबर 1995 को जारी अधिसूचना के अनुसार एचआरटीसी को पेंशन वितरण के लिए अलग पेंशन कोष बनाना था और निगम के वित्त सह मुख्य लेखा अधिकारी को पेंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी अधिकारी नियुक्त किया था।

    पेंशन में देरी अधिकारों का उल्लंघन

    याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों के अनुसार पेंशन वितरण में देरी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन है। ऐसी देरी पर संबंधित विभाग को ब्याज सहित भुगतान करने का दायित्व हो सकता है। हाई कोर्ट ने एचआरटीसी को इस मामले में 13 नवंबर से पहले जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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