दुष्कर्म के आरोपी SDM को हिमाचल हाईकोर्ट से राहत नहीं, अंतरिम जमानत याचिका खारिज; सरकार से जांच रिपोर्ट तलब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान जो दुष्कर्म के आरोपी हैं को अंतरिम अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करके जांच रिपोर्ट मांगी है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने प्राथमिकी में लगे आरोपों को देखते हुए कहा कि पीड़िता के आरोपों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान को फिलहाल अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई आज यानि शुक्रवार को होगी।
न्यायाधीश राकेश कैंथला ने याचिका में दिए तथ्यों के आधार पर कहा कि प्राथमिकी में लगाए आरोपों से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने 10.8.2025 को पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता रोई और याचिकाकर्ता ने उससे शादी का वादा किया। उसने पीड़िता को 20.8.2025 को विश्राम गृह में बुलाया, जहाँ उसने फिर से उसके साथ दुष्कर्म किया।
उसने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने इन सभी आरोपों को देखते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया जिसमें यह निर्धारित किया था कि बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
इसलिए कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी को गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं है। उल्लेखनीय है कि एक युवती ने एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर गंभीर आरोप लगाए थे। युवती ने बताया था कि विश्व मोहन देव चौहान से उसकी बातचीत सोशल मीडिया के जरिये हुई थी। इस दौरान एसडीएम ने उसे अपने दफ्तर मिलने बुलाया था औऱ बाद में कोर्ट चैम्बर में उसके साथ जबरन संबंध बनाए। बाद में 10 अगस्त को सरकारी रेस्ट हाउस में भी उसे बुलाया और फिर दुष्कर्म किया।
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