हिमाचल में डॉक्टर के 200 पद भरेंगे, अलग कैडर बनने से अब इन अस्पतालों में भी मिलेंगी विशेषज्ञ सेवाएं
Himachal Pradesh doctor posts हिमाचल प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग 200 चिकित्सकों की भर्ती और 683 विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग कैडर बनाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने की संभावना है। यह निर्णय चिकित्सकों की कमी को दूर करने और प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए लिया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh doctor posts, हिमाचल स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के 200 पद भरने व 683 विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग कैडर बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस संबंध में 15 सितंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी जाएगी।
चिकित्सकाें के पदों को प्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा। पहले से मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर किए गए करीब 100 पदों को इस संबंध मंजूरी मिलने के बाद भरा जाएगा। ऐसे में इन पदों के लिए हिमाचल के अलावा अन्य राज्य के एमबीबीएस चिकित्सक पात्र होंगे।
प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में सेवारत चिकित्सा अधिकारियों के पीजी करने और सीनियर रेजीडेंट को मेडिकल कालेजों में सेवा प्रदान करने से खाली पदों पर नियुक्ति की जा सकेगी।
मंत्रिमंडल में मिलेगी प्रस्ताव को मंजूरी
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों का कैडर बनने जा रहा है। अभी तक इस तरह की व्यवस्था नहीं थी। इस प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल में मंजूरी मिलेगी। वर्तमान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय के तहत चिकित्सकों और अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ का कैडर है।
छोटे अस्पतालों में भी मिलेंगी विशेषज्ञ सेवाएं
विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग से कैडर बनाने के बाद उन्हें जोनल, क्ष्रेत्रिय, जिला, नागरिक और सीएचसी अस्पतालों में लगाया जाएगा। इससे पूर्व विशेषज्ञ चिकित्सक इन अस्पतालों में सेवाएं ताे प्रदान करते थे लेकिन उनका अलग से कैडर नहीं थी।
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय के तहत 3100 चिकित्सा अधिकारी
प्रदेश के छह मेडिकल कालेजों का स्टाफ अलग से है, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण निदेशालय के तहत 3100 चिकित्सा अधिकारी हैं। इनमें से करीब एक हजार चिकित्सक पीजी, एसआर ओर अन्य सेवाओं में हैं। ऐसे में प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है। इस संबंध में विधानसभा में भी विधायकाें ने भी मामला उठाया था और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की थी।
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