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    Himachal News:हिमाचल में सत्र के बीच सेवानिवृत्त नहीं होंगे शिक्षक, पुनर्नियुक्ति के विकल्प का क्या रहेगा लाभ?

    Himachal teacher retirement policy हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति को लेकर नियमों में बदलाव किया है। अब शिक्षकों की सेवानिवृत्ति सत्र के बीच में नहीं होगी। वित्त विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में इसकी घोषणा की थी। विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को सत्रवार पुनर्नियोजन की घोषणा की है।

    By Jagran News Edited By: Rajesh Kumar Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:08 PM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को सत्र के बीच सेवानिवृत्त नहीं करेगी। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal teacher retirement policy, हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति अब बीच सत्र में नहीं होगी। राज्य सरकार ने इसके लिए नियमों में बदलाव किया है। वित्त विभाग ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसके तहत शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा, आयुष शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभागों के सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में तैनात शिक्षकों की सेवानिवृत्ति वर्ष में एक बार होगी।

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    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकाघाट में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में इसकी घोषणा की थी। विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को सत्रवार पुनर्नियोजन की घोषणा की है।

    जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति अधिसूचना की तिथि 27 अगस्त 2025 और उनके संबंधित शैक्षणिक सत्र की समाप्ति से पहले वाले महीने के अंतिम दिन के बीच होनी है, उन्हें स्वतः ही पुनर्नियुक्ति मिल जाएगी।

    कमेटी ने सेवानिवृत्ति आयु एक साल बढ़ाने का दिया है विकल्प

    राज्य सरकार का तर्क है कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति बीच सत्र में होती है जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है। सरकार के इस निर्णय के पीछे दूसरी बड़ी वजह रिसोर्स मोबेलाइजेशन कमेटी की सिफारिश भी है। कमेटी ने सेवानिवृत्ति आयु एक साल बढ़ाने की सिफारिश की थी।

    हर साल तीन से पांच हजार शिक्षक होंगे सेवानिवृत्त

    सूत्रों के अनुसार इस निर्णय से सरकार की लगभग 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी अगले साल 31 मार्च से 31 जुलाई तक देय हो जाएगी। हर साल लगभग तीन से पांच हजार शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों को अंतिम वेतन और उनकी पूरी पेंशन के बीच का अंतर भुगतान किया जाएगा। यानी एक लाख रुपये वेतन लेने वाले शिक्षक को 50 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा।

    अगर किसी ने सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा से नौकरी नहीं करनी है तो उन्हें 60 दिन पहले विभाग को लिखित में देना होगा। ऐसे शिक्षकों को स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया है।

    अन्य लाभ सत्र पूरा होने के बाद मिलेंगे

    सेवानिवृत्ति तारीख से नियमित मासिक पेंशन शुरू हो जाएगी, लेकिन अन्य सेवानिवृत्ति लाभ जैसे ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, सामान्य भविष्य निधि, पेंशन का नकदीकरण आदि सत्रीय पुनः रोजगार पूरा होने के बाद ही देय और निपटाए जाएंगे।

    किस श्रेणी के शिक्षक कब होंगे सेवानिवृत्त

    • विभाग    सेवानिवृत्ति वर्ष (2026)
    • स्कूल शिक्षा    31 मार्च
    • उच्च शिक्षा    31 मई
    • मेडिकल शिक्षा    31 मार्च
    • आयुष शिक्षा    30 अप्रैल
    • आइटीआइ    31 जुलाई
    • बहुतकनीकी/इंजीनियरिंग/फार्मेसी कालेज 30 जून

    सरकार के निर्णय का स्वागत

    राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। 

    निर्णय गलत, पदोन्नति प्रभावित होगी

    पीटीएफ शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा, इस निर्णय से शिक्षकों की पदोन्नति प्रभावित होगी। विभाग में खाली पद एक साथ होंगे। यह निर्णय गलत है।

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