GST स्लैब सीमित होने से कम हुई हिमाचल की हिस्सेदारी, कितना नुकसान और सालभर में कितनी रकम मिलेगी?
Himachal Pradesh Govt जीएसटी स्लैब में बदलाव से हिमाचल प्रदेश को हर महीने 90 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पहले 490 करोड़ मिलते थे अब 400 करोड़ मिलेंगे। उद्योग मंत्री के अनुसार राज्य को 1000 करोड़ का नुकसान हो सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने निर्मला सीतारमण से बात की है और भरपाई की मांग की है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल में दो स्लैब तय होने से जहां उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा, वहीं हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी कम होगी। हिमाचल प्रदेश को हर महीने मिलने वाली 490 करोड़ की राशि घटकर 400 करोड़ रह जाएगी।
वर्तमान में प्रदेश को जीएसटी से 6200 करोड़ सालाना प्राप्त हो रहे हैं, दीपावली से पहले कटौती शुरू होने से प्रदेश सरकार को अनुमान के अनुसार एक हजार करोड़ का झटका लगने वाला है।
मौजूदा वित्त वर्ष शुरू होते ही प्रदेश को राजस्व घाटा अनुदान के तहत मिल रही छह हजार करोड़ से अधिक की सालाना धनराशि घटकर 3252 करोड़ रह गई थी।
यानी प्रदेश सरकार को हर महीने राजस्व घाटा अनुदान के तहत 271 करोड़ मिल रहे हैं। केंद्रीय करों से राज्य को इस वित्त वर्ष में 11690 करोड़ रुपये निर्धारित किस्तों में प्राप्त हो रहे हैं।
निर्मला सीतारमण से सीएम भरपाई का मामला उठा चुके
जीएसटी स्लैब के स्लैब संशोधित होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने पहाड़ी राज्यों को होने वाले संभावित नुकसान को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की थी। ऐसा माना जा रहा है कि इस सप्ताह प्रदेश को नुकसान की भरपाई के संबंध में पत्र भी लिखा जाएगा। उसके बाद आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री सुक्खू दिल्ली जाकर केंद्रीय वित्त मंत्री को राज्य सरकार को होने वाले नुकसान से अवगत करवाएंगे। इससे पहले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही थी।
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अभी हिमाचल को क्या मिल रहा
- स्लैब संशोधित होने से पहले हिमाचल को 6200 करोड़ सालाना किस्तों में मिल रहे थे। एक हजार करोड़ के नुकसान के बाद घटकर 5200 कराेड़ धनराशि रह जाएगी।
- केंद्रीय करों से कुल 11690 करोड़ में से प्रति माह 955 करोड़ की धनराशि प्राप्त होती है।
- राजस्व घाटा अनुदान के तहत कुल 3252 करोड़ में से प्रति माह 271 करोड़ आते हैं।
हिमाचल को नुकसान हो रहा
जीएसटी के स्लैब सीमित होने से हिमाचल प्रदेश को नुकसान हो रहा है। ऐसे में पहाड़ी राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने के संबंध में केंद्र सरकार कोई रास्ता निकाले। मैंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठक में राज्य की ओर से आपत्ति दर्ज कराई है।
-राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री।
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