Himachal News: हायर ग्रेड-पे पर कर्मचारी गुटों की अलग राय, विनोद गुट बोला- सरकार की मंशा गलत नहीं; आखिर कितना नुकसान होगा?
Himachal Pradesh Govt Employees हिमाचल सरकार द्वारा हायर ग्रेड-पे अधिसूचना वापस लेने से कर्मचारी नाराज हैं। कर्मचारी महासंघ मुख्यमंत्री से मिलकर इसे रद्द करने की मांग करेंगे क्योंकि इससे हजारों कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान होगा। महासंघ ने इस निर्णय को अन्यायपूर्ण बताया है जिससे कर्मचारियों के मनोबल और आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Govt Employees, हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से हायर ग्रेड-पे अधिसूचना वापस लेने पर कर्मचारी बिफर गए हैं। सोमवार को कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिलेंगे। अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ एवं गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ की एक आपातकालीन बैठक वर्चुअल माध्यम से हुई।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ-साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से मिलेगा। प्रतिनिधिमंडल वित्त विभाग की अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग रखेगा।
वहीं, विनोद गुट की इस मामले में राय भिन्न है, उनका कहना है कि सरकार की मंशा गलत नहीं है व निर्णय उचित है।
कर्मचारी महासंघ एवं गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि सरकार की इस अधिसूचना से 89 श्रेणियों के हजारों कर्मचारियों को मासिक 15 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक वित्तीय नुकसान होगा।
ये वह कर्मचारी हैं, जिन्होंने नियमित हाेने के बाद दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। यह भी कहना है कि कुछ कर्मचारी मुख्यमंत्री व सरकार को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
महासंघ ने इस निर्णय को पूर्णतः अन्यायपूर्ण, अव्यावहारिक और प्राकृतिक न्याय के विपरीत बताया। महासंघ का मत है कि इस कदम से कर्मचारियों के गृह खर्च, ऋण अदायगी, बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा एवं अभिभावकों की देखभाल जैसी जिम्मेदारियों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। यह निर्णय न केवल आर्थिक असुरक्षा पैदा करेगा, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल और कार्यक्षमता को भी प्रभावित करेगा।
वर्चुअल बैठक में ये कर्मचारी नेता जुड़े
वर्चुअल बैठक में शामिल रहे कर्मचारियों में महासंघ के महामंत्री राजीव चौहान, उपाध्यक्ष एलडी चौहान, संयुक्त सचिव हरेंद्र मेहता, शिमला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नृपजीत सिंह ठाकुर, गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंदर मेहता, महासचिव मनीष गुलरिया, मंडी राजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार, महासचिव मोती राम, गैर शिक्षक कर्मचारी महासंघ मंडी के अध्यक्ष राजेश राव, महासचिव महेश कुमार, लोक निर्माण विभाग के हितेंद्र ठाकुर तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व, जल शक्ति, वन, ग्रामीण विकास, कृषि, बिजली बोर्ड, परिवहन एवं पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल हुए।
यह भी पढ़ें- Himachal Landslide: सीएम सुक्खू के गृह जिला के चबूतरा गांव में बेघर हर परिवार को मिलेंगे 8.70 लाख रुपये
विनोद गुट बोला, सरकार की मंशा गलत नहीं
छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर कुछ कर्मचारियों को कुछ मिला, किसी को कुछ भी नहीं मिला। वेतन आयोग की खामियाें को देखते हुए सरकार ने इस तरह की अधिसूचना जारी की है। वर्तमान सरकार की मंशा गलत नहीं है, इस संबंध में सरकार ने समग्र अध्ययन करके निर्णय लिया है।
-विनोद कुमार, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ विनोद गुट, अध्यक्ष।
यह अधिसूचना कर्मचारियों से अन्याय
सोमवार को कर्मचारियों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और प्रधान वित्त सचिव देवेश कुमार से भेंट करके इस अधिसूचना को रद करने का आग्रह करेगा। इस संदर्भ में राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया है। यह अधिसूचना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
-प्रदीप ठाकुर, अध्यक्ष अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, प्रदीप गुट।
यह भी पढ़ें- Himachal Landslide: सीएम सुक्खू के गृह जिला के चबूतरा गांव में बेघर हर परिवार को मिलेंगे 8.70 लाख रुपये
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।