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    हिमाचल में तीन साल में 1353 स्कूल बंद व मर्ज, विधानसभा में सामने आया आंकड़ा; शिक्षा मंत्री बोले- अब सरप्लस हो गए शिक्षक

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 04:34 PM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 818 स्कूल बंद और 535 मर्ज किए गए हैं जिनमें 628 में शून्य नामांकन था। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि कम छात्रों वाले 525 विद्यालयों को नजदीकी स्कूलों में मिलाया गया जिससे 1424 शिक्षक सरप्लस हुए। सरकार इन शिक्षकों को खाली पदों पर तैनात कर रही है।

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    हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व विधानसभा परिसर।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते तीन साल में 818 स्कूल बंद (डी नोटिफाई) किए गए हैं और 535 को मर्ज किया गया है। बंद किए गए 818 स्कूलों में से 628 में जीरो एनरोलमेंट थी, जबकि 198 स्कूलों में नामांकन बेहद कम थे। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह जानकारी दी।

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    शिक्षा मंत्री ने कहा कि 525 विद्यालय जहां पर छात्रों की संख्या 5 से कम थी, उन्हें मर्ज किया गया है। वहां पर दो या तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित दूसरे विद्यालय में मर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद करने व मर्ज करने से 1424 शिक्षक सरप्लस हुए हैं। सरकार ने इन शिक्षकों की तैनाती उन स्कूलों में की है, जहां शिक्षक का पद खाली थे।

    देशभर में 90 हजार स्कूल किए बंद व मर्ज

    उन्होंने कहा कि स्कूल को बंद व मर्ज केवल हिमाचल में ही नहीं किया जा रहा है। देशभर में 90 हजार स्कूल विभिन्न राज्यों में बंद व मर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की बात की जाती है, वहां पर भी सबसे ज्यादा स्कूल बंद हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के समय हजारों स्कूल ऐसे थे, जिनमें शिक्षक ही नहीं थे। वहां पर भी सरकार शिक्षकों के पद भर रही है।

    स्कूलों में शिक्षक न होने पर कम हुए दाखिले

    विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार स्कूल बंद करने व मर्ज करने के लिए बार बार नियम बदल रही है। कांग्रेस सरकार के नाम 1353 स्कूलों को बंद करने का रिकाॅर्ड है। उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षकों के पद खाली होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजते हैं।

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    ई वाहन खरीद पर छूट दे रही सरकार : मुकेश

    उधर, विधायक दीप राज के सवाल का जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए ई वाहन नीति-2022 को अनिवार्य रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ई वाहन खरीद को बढ़ावा देने के लिए नियमों में कई तरह की छूट दी जा रही है। ई वाहन पर टोकन टेक्स में 100 प्रतिशत छूट है। विशेष पथ कर में 50 प्रतिशत, पंजीकरण शुल्क में 100 प्रतिशत व परमिट शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट दी गई है। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत भी 50 प्रतिशत का अनुदान सरकार दे रही है।

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