Himachal: सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एक साल ही मिलेगी पुनर्नियुक्ति, नीति में संशोधन के बाद अब नहीं मिलेंगी ये सुविधाएं
Himachal Pradesh Govt Employees हिमाचल सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति नीति में संशोधन किया है। अब पुनर्नियुक्ति एक वर्ष से अधिक नहीं होगी केवल विशेष सेवाओं के मामले में सलाहकार के रूप में बढ़ाया जा सकेगा। नए नियमों के अनुसार पुनर्नियुक्त कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएँ और नया सरकारी आवास नहीं मिलेगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों को इन नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Govt Employees, हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति संबंधी दिशा निर्देश में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। वित्त (नियम) विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, सभी विभागों को नए नियमों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
पुनर्नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी क्योंकि सेवानिवृत्त कर्मचारी पहले से ही सुविधा के दायरे में आते हैं। उन्हें नया सरकारी आवास आवंटित नहीं किया जाएगा। यदि सेवानिवृत्ति से पूर्व आवास मिल चुका है तो वही व्यवस्था लागू रहेगी।
विशेष सचिव (वित्त) सौरभ जस्सल ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि इन संशोधित नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से विभागों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पुनर्नियुक्ति में पारदर्शिता और एकरूपता बढ़ेगी। किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी की पुनर्नियुक्ति की अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होगी।
केवल विशेष सेवाओं के मामले में इसे सलाहकार के रूप में एक वर्ष से अधिक बढ़ाने की अनुमति होगी। वर्तमान में, प्रदेश सरकार में ऐसे कर्मचारियों की संख्या बढ़ गई है, जो विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री से संपर्क करके पुनर्नियुक्ति प्राप्त कर चुके हैं।
क्यों मिलता है सेवाविस्तार
प्रदेश कार्मिक विभाग के अनुसार असाधारण परिस्थितियों में जनहित को देखते सराहनीय कार्य करने वाले कर्मचारी को पुनर्नियुक्ति या सेवाविस्तार दिया जाता है। सरकार का विशेषाधिकार है कि जनहित में पुनर्नियुक्ति या फिर सेवाविस्तार दे सकती है।
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सैकड़ों कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति
राज्य सचिवालय में 10-12 कर्मचारी पुनर्नियुक्ति प्राप्त हैं। दो कर्मचारियों को एक-एक साल का सेवाविस्तार दिया गया है। इसके अतिरिक्त लोक निर्माण, जल शक्ति सहित अन्य विभागों में सैकड़ों कर्मचारियों व अधिकारियों को पुनर्नियुक्ति दी गई है। कई कर्मचारी ऐसे भी है, जिन्हें तीन बार पुनर्नियुक्ति मिली है। प्रदेश सरकार के पास ऐसे कर्मचारियों का सही आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। विधानसभा में सरकार ने बताया था कि पुनर्नियुक्ति व सेवाविस्तार प्राप्त कर्मचारियों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
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