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    हिमाचल: राज्यपाल और सरकार आमने-सामने, अस्थायी नियुक्ति पर गवर्नर का स्पष्ट संदेश; कुलपति चयन पर पूछा- क्या सबको बाईपास करना चाहते हैं?

    By Parkash Bhardwaj Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 05:29 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल और सरकार के बीच अस्थायी नियुक्तियों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। राज्यपाल ने कुलपति चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि क्या वह सभी नियमों को दरकिनार करना चाहती है। इस मुद्दे पर राज्यपाल सख्त रुख अपनाए हुए हैं।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्य सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर सक्षम और योग्य अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए।उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के पदों पर अस्थायी नियुक्ति से संबंधित पत्र राजभवन को प्राप्त हुआ था।

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    इस पत्र में दोनों अधिकारियों की अतिरिक्त दायित्व के साथ हुई नियुक्ति के संबंध में प्रश्न उठाए गए हैं। इस पत्र को आवश्यक कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया है।

    कुलपति नियुक्ति पर पूछा, सबको बाईपास करना चाहते हैं?

    कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में कुलपति की नियुक्ति पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि प्रदेश सरकार से यह पूछना चाहिए कि क्या वे कानून और संविधान के अनुसार चलाना चाहते हैं या फिर सबको बाईपास करके। 

    हम यहां कुलपति की नियुक्ति के लिए ही नहीं बैठे

    उन्होंने कहा कि इस विषय पर उन्हें कुछ नहीं कहना है। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि वह कुलपति की नियुक्ति के लिए नहीं बैठे हैं, बल्कि पूरे राज्य के हित के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों का काम है जो यह सोचते हैं कि कौन हमारा होगा और कौन किसी दूसरे का होगा। उनका मुख्य ध्यान इस बात पर है कि हिमाचल प्रदेश के संस्थान कैसे चलेंगे।

    चंबा और कुल्लू को भेजी राहत सामग्री

    शिमला स्थित राजभवन में बुधवार को कुल्लू और चंबा के आपदा प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री के दो वाहन भेजने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राजभवन स्वयं किसी भी प्रकार की सामग्री नहीं भेजता है। इस संबंध में उनके सचिव जिला अधिकारियों से चर्चा करते हैं, जिसके बाद राहत सामग्री भेजने की व्यवस्था की जाती है।

    जरूरत को देखते हुए सामग्री भेजी

    उन्होंने कहा कि राजभवन प्रभावित परिवारों की मदद करने में पूरी तरह सक्षम है। जब मोमबत्तियां और माचिस भेजने की आवश्यकता थी, तब ऐसी सामग्री भेजी गई थी। अब प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में परिवारों की जरूरतों को देखते हुए सामग्री भेजी गई है। 

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    राहत सामग्री हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से भेजी गई। राहत सामग्री में रसोई में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के 74 सेट, 300 तिरपाल, 280 कंबल, 20 आश्रय उपकरण किट और आवश्यक अन्य घरेलू सामान शामिल हैं। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा और राज्य रेडक्रास सोसायटी के सदस्य भी उपस्थित थे।

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