हिमाचल के राज्यपाल ने तलब किए DGP और SP शिमला, पूछा- संवैधानिक संस्था के बाहर अशोभनीय टिप्पणी क्यों? मांगी रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने राजभवन के बाहर युवा कांग्रेस के प्रदर्शन और प्रधानमंत्री का पुतला जलाने की घटना पर DGP और SP शिमला को तलब किया है। उन्होंने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। राज्यपाल ने राजभवन की सुरक्षा में चूक और संवैधानिक मर्यादा के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की है।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राज्य पुलिस प्रमुख और शिमला के एसपी को तलब किया है। राजभवन के बाहर लापरवाही को लेकर राज्यपाल सख्त हो गए हैं।
शिमला स्थित राजभवन के बाहर वीरवार को युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित धरने और प्रधानमंत्री का पुतला जलाने पर कड़ा संज्ञान लिया है।
उन्होंने शुक्रवार को प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक तिवारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) शिमला संजीव गांधी को तलब किया।
एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें
राज्यपाल ने दोनों अधिकारियों को एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पूछा कि क्या इस धरने की अनुमति प्रशासन से ली गई थी और राजभवन के बाहर सुरक्षा के लिए कितने जवान तैनात किए गए थे।
संवैधानिक संस्था के बाहर अशोभनीय टिप्पणी मर्यादा के खिलाफ
राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन एक संवैधानिक संस्था है और उसके बाहर प्रधानमंत्री का पुतला जलाना तथा अशोभनीय टिप्पणी करना मर्यादा के खिलाफ है। उन्होंने डीजीपी से कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करें।
40 मिनट राजभवन में रहे दोनों अधिकारी
दोनों अधिकारी राजभवन में 40 मिनट तक उपस्थित रहे, जहां राज्यपाल ने उनसे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली।
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नहीं होनी चाहिएं ऐसी घटनाएं
राज्यपाल ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। युवा कांग्रेस ने वीरवार को "वोट चोर गद्दी छोड़" कार्यक्रम के तहत राजभवन का घेराव किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला भी जलाया। इस दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई।

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