Himachal Flood: किन्नौर से शिमला तक तबाही में पुल व सड़कें बहीं, रामपुर में खाली करवाया बाजार, दारन गांव पर मंडराया खतरा
Himachal Pradesh Flood Alert हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से किन्नौर में बादल फटने से सतलुज नदी पर बना पुल बाढ़ में बह गया जिससे रामपुर बाज़ार को खाली कराया गया। रामपुर में 13 घर और 40 दुकानें खाली कराई गई हैं। नंती खड्ड में बाढ़ से पुल और दुकानें बहीं और कई सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं।

जागरण टीम, शिमला। Himachal Pradesh Flood Alert, हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश हो रही है। किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्र ऋषि डोगरी घाटी के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से बाढ़ ने सतलुज नदी पर बने पुल को अपनी चपेट में ले लिया, इस दौरान एक व्यक्ति भी घायल हो गया। सतलुज नदी में बाढ़ के कारण रामपुर बाजार खाली करवा दिया है।
जिला शिमला के रामपुर में बाढ़ का खतरा अभी बना हुआ है। रामपुर में 13 घर और 40 दुकानें खाली करवाई हैं। रामपुर के पंद्रह-बीस क्षेत्र की नंती खड्ड में बाढ़ आने से चार पुल, दो मकान व पांच दुकानों सहित सेब के बगीचे बह गए हैं। इसके अलावा बिजली के छोटे प्रोजेक्ट को भी नुकसान पहुंचा है।
होजो नाला में आई बाढ़ में बहा पुल, कंपनी परिसर जलमग्न
होजो लुंगपा नाले में बाढ़ आने से सीपीडब्ल्यूडी के तहत गंगथांग ब्रालाम की ओर एक सक्रिय सड़क निर्माण कार्य पूरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं दूसरी ओर पूह गांव के उठाऊ पेयजल परियोजना भी प्रभावित है। इसके अतिरिक्त निजी कंपनी का परिसर भी जलमग्न हुआ है। सतलुज नदी में पानी का जलस्तर व मलबा भरने से करछम वांगतु नाथपा बांध के द्वार खोल दिए गए हैं। बारिश के चलते पागल नाला, नाथपा व निगुलसरी के पास एन एच मार्ग अवरूद्ध हुआ है।
दारन गांव भूस्खलन की जद में
उधर, भारी वर्षा के कारण रामपुर उपमंडल का दारन गांव भूस्खलन के कारण खतरे की जद में आ गया है। गांव को बचाने के लिए ग्रामीण लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से भी उनके रामपुर दौरे के दौरान मिले थे। मंत्री ने प्रशासन और अन्य विभागों को मौके का जायजा लेने के निर्देश दिए थे। लोगों की समस्या को देखते हुए सातवें वित्तायोग के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक नंद लाल बुधवार को रामपुर के एसडीएम हर्ष अमरेंद्र सिंह के साथ मौके पर पहुंचे।
दारन गांव के 300 लोग खतरे में
दारन गांव की सड़क लगातार हो रही वर्षा के कारण धंस गई है। इसमें काफी गहरी और चौड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। सड़क पर दो से तीन कैंचियां पड़ती थीं जो सड़क के बैठ जाने के कारण एक बन गई हैं। इससे गांव को खतरा बढ़ता जा रहा है। गांव में करीब 300 लोग रहते हैं। 20 अगस्त से क्षेत्र में सेब सीजन भी शुरू होने वाला है। क्षेत्र में 25 हजार के करीब सेब की पेटी निकलती हैं। सड़क ठीक न होने से सेब को मंडियों तक पहुंचाना बागबानों के लिए चुनौती बन गया है।
भूस्खलन ने बढ़ाई चिंता
पंचायत प्रधान त्रिलोक कुमार ने कहा कि दारन गांव के नीचे लगातार हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। भारी वर्षा होने पर ग्रामीणों को डर के साये में रातें गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विधायक नंद लाल ने लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, वन विभाग और बीडीओ को निर्देश दिए कि सभी एक-दूसरे से सांमजस्य स्थापित कर गांव को बचाने का प्रयास तेज करें।
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