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    'अब पिटारा खोले सरकार', विधायकों की सैलरी बढ़ने के बाद CM सुक्खू से कर्मचारियों की मांग

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 01:12 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने माननीयों के वेतन में हुई बढ़ोतरी पर बधाई दी है। लेकिन अब कर्मचारियों के लिए पिटारा खोलने की मांग की है। महासंघ ने 13 प्रतिशत डीए की किश्त और संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग उठाई है। सरकार के पास कर्मचारियों और पेंशनरों के 10 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। सरकार के पास कर्मचारियों के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने माननीयों के वेतन में हुई बढ़ोतरी पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कैबिनेट मंत्रियों सहित विधायकों को बधाई दी है। महासंघ ने कहा, सरकार अब कर्मचारियों के लिए भी पिटारा खोले। उनकी लंबित 13 प्रतिशत डीए की किश्त व संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग उठाई गई।

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    महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव हीरा लाल वर्मा, वित्त सचिव खेर्मेंद्र गुप्ता, मुख्य सलाकार नरेश शर्मा, उपाध्यक्ष आशा कुमार ने कहा, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक सुर में महंगाई की बात कहकर अपने वेतन और भत्तों में संशोधन किया है। इससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश में महंगाई चरम सीमा पर है और हिमाचल में वित्तीय संकट नहीं है। यदि प्रदेश में कोई वित्तीय संकट होता तो विधेयक पर विचार नहीं होता।

    कर्मचारियों को बकाया डीए सहित संशोधित वेतनमान का एरियर जारी करने की मांग

    वीरेंद्र चौहान ने कहा, कर्मचारियों को भी 13 प्रतिशत बकाया डीए सहित संशोधित वेतनमान का एरियर जारी किया जाए। कर्मचारियों की ये देनदारियां काफी समय से लंबित हैं। जिस तरह महंगाई विधायकों के लिए बढ़ी है वैसी ही कर्मचारियों के लिए भी बढ़ी है। राज्य सरकार के पास कर्मचारियों व पेंशनरों के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं।

    महासंघ के संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा, कर्मचारी सभी 12 जिलों में अधिवेशन करने जा रहे हैं। इसमें सरकार के पास लंबित देनदारियों के भुगतान को लेकर किस प्रकार दबाव डाला जाए और इसके क्या रणनीति होनी चाहिए, को लेकर अधिवेशन में चर्चा करेंगे।

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    15 दिन के सत्र में कर्मचारियों का जिक्र तक नहीं किया

    वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सदन में कई विधायकों ने कहा, महंगाई बढ़ गई है। नौ वर्षों से उनका वेतन नहीं बढ़ा। ऐसे में उनका वेतन बढ़ना चाहिए। चौहान ने कहा, विधायकों की यह बात सही है, पर कर्मचारियों की भी ख्याल रखना चाहिए। मगर 15 दिन के विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारियों का जिक्र तक नहीं आया।

    विपक्ष ने भी कर्मचारियों की मांगों को सदन में नहीं उठाया। कर्मचारियों के वेतन में 2006 के बाद 2016 में वृद्धि होनी चाहिए थी, लेकिन यह 2022 में की गई। 16 साल बाद भी सिर्फ वेतन में वृद्धि की गई, भत्तों में बढ़ोतरी नहीं की गई। प्रदेश में पहले पंजाब की तर्ज पर पे-कमीशन मिलता था, लेकिन 2022 में केंद्र की तर्ज पर वेतन दिया गया, जिससे हिमाचल के कर्मचारी पंजाब की तुलना में पिछड़ गए।

    उन्होंने कहा कि 2023 से कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की चार किश्त और महंगाई भत्ते का एरियर लंबित है। प्रदेश में हरेक कर्मचारी का कम से कम पांच लाख व उससे ज्यादा सरकार के पास लंबित है।

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