हिमाचलियों की सहकारी समितियां धारा 118 के झमेले से बाहर, कार्यों में तेजी के साथ मिलेगा रोजगार; पर्यटन क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सहकारी समितियों के लिए भूराजस्व कानून 118 की बाधा को दूर किया। पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए नए नियमों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 50 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को 36 महीने में पूरा करना होगा। जिला पर्यटन अधिकारियों को ऋण संबंधी अधिक शक्तियां दी गई हैं। तपोवन में विधानसभा सत्र में संशोधन विधेयक-2025 पेश किया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
प्रकाश भारद्वाज, शिमला। हिमाचल प्रदेश में सहकारी समितियों के लिए बाधा बन रहे भूराजस्व कानून 118 का सरकार ने समाधान निकाला है। अब हिमाचली लोगों की गठित सहकारी समितियों को उलझना नहीं पड़ेगा। सरकार ने हिमाचलियों की समितियों को भू-राजस्व अधिनियम की धारा-118 की स्वीकृति देने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
इस संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया है। कामकाज करने के लिए अभी तक सरकार से धारा-118 की अनुमति लेनी होती थी। ऐसा करने से कार्यों में तेजी आएगी और ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा
पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन निवेश संवर्धन परिषद (टीआइपीसी) के नियमों को स्वीकृति दे दी है। ऐसे में प्रति केस 10 लाख रुपये फीस चुकानी होगी। एक करोड़ रुपये की सिक्योरिटी 30 दिन में वापस होगी। रीयल इस्टेट के तहत निर्मित होने वाले 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की परियोजनाओं का निर्माण 36 माह में पूरा करना होगा।
परिषद दे सकेगी अतिरिक्त समय
निर्माण के दौरान किसी परेशानी को देखते हुए परिषद दो वर्ष तक का अतिरिक्त समय प्रदान कर सकेगी। ऐसी स्थिति में 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क की अतिरिक्त धनराशि ली जाएगी। नियमों को स्वीकृति प्राप्त होने के बाद लोग 15 दिन के भीतर सुझाव दे सकेंगे। ऐसी परियोजनाओं को 14 दिन के भीतर अनुमति प्रदान करनी होगी।
डीटीओ को भी दी शक्तियां
सरकार ने पर्यटन से जुड़ी सबवेंशन स्कीम के तहत जिला पर्यटन अधिकारी (डीटीडीओ) व अतिरिक्त जिला पर्यटन अधिकारी (एटीडीओ) को 12 लाख रुपये की शक्तियां प्रदान की हैं। दो करोड़ रुपये की ऋण सीमा संबंधित केस के संबंध में पर्यटन निदेशक को ही स्वीकृति प्रदान करने की शक्ति थी। प्रदेश सरकार ने इसे उपनिदेशक डीटीडीओ व एटीडीओ तक को दे दिया है। ऐसा करने से ऋण संबंधी स्वीकृतियों के लिए होटल व्यवसायियों को भटकना नहीं पड़ेगा। कोरोनाकाल के दौरान सरकार ने पर्यटन क्षेत्र पर पड़े प्रभाव को देखते हुए सबवेंशन स्कीम घोषित की थी।
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तपोवन में आएंगे तीन संशोधन
तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में नगर निगम महापौर व उपमहापौर अध्यादेश से जुड़ा संशोधन विधेयक-2025 स्वीकृति के लिए पेश होगा। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक-2025 पेश होगा। मंत्रिमंडल में सरकार ने तीन संशोधन विधेयकों को मंजूरी दी है। मंगलवार को तपोवन में सर्वदलीय बैठक होगी। इसके साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक परिधि गृह में होगी।

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