Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल में चिट्टे के विरुद्ध क्यों शुरू हुआ महाभियान? आपको चौंका देगा दो साल में नशे से जान गंवाने वालों का आंकड़ा

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 16 Nov 2025 01:10 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में चिट्टे की लत युवाओं के लिए गंभीर समस्या बन गई है, जिससे कई लोगों की जान जा चुकी है। शहरी और दुर्गम क्षेत्रों में इसका जाल फैल रहा है, और स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पुलिस ने कई गैंगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन बड़े मामलों में गिरफ्तारी की दर कम है। नशा माफिया पर नकेल कसने के लिए संपत्ति जब्ती की जा रही है।

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के विरुद्ध अभियान शुरू किया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में चिट्टे की लत युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। पिछले दो वर्षों में 65 लोग चिट्टे से अपनी जान गंवा चुके हैं। इस स्थिति ने माता-पिता और समाज को अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित कर दिया है।

    इसी चिंता के चलते अब जनआंदोलन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ जनजातीय और दुर्गम इलाकों में भी चिट्टे का जाल फैल चुका है। 

    हर साल 12 से 15 किलो चिट्टा पकड़ा जा रहा है, और चिट्टा माफिया ने ऐसा जाल बिछाया है कि स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक वर्ष में कई गैंग पकड़ी पुलिस ने 

    पिछले एक वर्ष में चिट्टे से जुड़े कुछ बड़े मामले सामने आए हैं, जिनमें कई गैंगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि, व्यावसायिक श्रेणी के मामलों में कमी आई है। व्यावसायिक श्रेणी, यानी 250 ग्राम से अधिक की श्रेणी में, पिछले दो वर्षों में केवल 20 आरोपित पकड़े गए हैं। 

    250 ग्राम से अधिक मात्रा के एक प्रतिशत से भी कम मामले पकड़े

    पुलिस के अनुसार, चिट्टे की सप्लाई एक किलो और उससे अधिक की जा रही है, लेकिन 250 ग्राम से अधिक मात्रा के मामलों में एक प्रतिशत से भी कम मामले पकड़े गए हैं। वर्ष 2023 में चिट्टे के 1133 मामलों में से केवल सात मामले यानी 0.60 प्रतिशत और वर्ष 2024 में 834 मामलों में से पांच मामले यानी 0.61 प्रतिशत मामलों में ही गिरफ्तारी हुई है। इस वर्ष अब तक करीब आठ मामले पकड़े गए हैं, जिनमें 250 ग्राम से अधिक चिट्टा शामिल है।

    10 माह में 15 किलोग्राम चिट्टा पकड़ा

    वर्ष 2016 तक पुलिस द्वारा बरामद की जाने वाली हेरोइन केवल ग्राम में होती थी, लेकिन 2017 में पहली बार सात किलो चिट्टा बरामद किया गया। तब से इसकी बरामदगी में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले वर्षों में हर साल 12 से 15 किलो चिट्टा पकड़ा जा रहा है।

    तीन वर्षों में 36 करोड़ की संपत्ति जब्त

    नशा माफिया पर नकेल कसते हुए पिछले तीन वर्षों में करीब 36 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है। वर्ष 2023 में 4.87 करोड़, 2024 में 24.42 करोड़ और इस वर्ष अब तक 6.66 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इसके अलावा, 7.74 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क करने के मामले पुष्टि के लिए भेजे गए हैं। नशा तस्करों की 1214 संपत्तियों की पहचान की गई है।

    चिट्टे को लेकर जीरो टालरेंस का पालन किया जा रहा है। इसमें कोई भी संलिप्त पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। 
    -अशोक तिवारी, पुलिस अधीक्षक शिमला।

    चिट्टे के विरुद्ध 'दैनिक जागरण' ने चलाया है अभियान

    चिट्टे से युवाओं की हो रही मौत और युवा पीढ़ी पर पड़ रहे प्रभाव के विरुद्ध जागरूकता के लिए 'दैनिक जागरण' ने विशेष अभियान 'धंसता हिमाचल' चलाया है। इसमें स्कूलों और महाविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम सहित रैलियां भी निकाली गईं। कालांतर में इससे संबद्ध कई शासनिक एवं प्रशासनिक निर्णयों में जागरण का सरोकार भी झलका है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: भाजपा विधायक हंसराज साढ़े तीन घंटे महिला पुलिस थाना के अंदर रहे, लंबी पूछताछ के बाद मिले स्पष्ट निर्देश


    यह भी पढ़ें: हिमाचल पुलिस ने बाइक सवार का किया 30 हजार रुपये का चालान, जुर्माना राशि देख उतर गया सारा नशा