हिमाचल में 28 सरकारी स्कूलों का घटाया दर्जा, शिमला का आंकड़ा सबसे ज्यादा, ढाई साल में 1353 संस्थान हुए बंद व मर्ज
हिमाचल सरकार ने कम छात्र संख्या के कारण 28 स्कूलों का दर्जा घटा दिया है। 12 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अब उच्च विद्यालय और 16 उच्च विद्यालय माध्यमिक विद्यालय बने। शिमला जिले के सबसे अधिक 22 स्कूल प्रभावित हुए हैं। सरकार ने यह निर्णय तीन महीने पहले लिया था, लेकिन दाखिलों की उम्मीद में इंतजार किया।

हिमाचल प्रदेश के 28 सरकारी स्कूलों का दर्जा घटा दिया गया है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को बंद व मर्ज करने के बाद एक और बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने 28 वरिष्ठ माध्यमिक व उच्च विद्यालयों का दर्जा घटा दिया है। 12 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का दर्जा घटाकर इन्हें उच्च विद्यालय ही रखा है।
इसी तरह 16 राजकीय उच्च विद्यालयों का दर्जा घटाकर इन्हें मिडल स्कूल (माध्यमिक पाठशाला) रखा गया है। इनमें 5 से कम विद्यार्थी होने के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है।
12 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में कक्षा 11वीं व 12वीं में 5 से कम विद्यार्थी थे। सितंबर महीने तक हुए दाखिलों के आधार पर छात्रों की संख्या का यह रिकॉर्ड लिया गया है। इसी तरह जिन राजकीय उच्च विद्यालयों का दर्जा घटाया गया है, उनमें भी कक्षा नौवीं व दसवीं में 5 से कम विद्यार्थी थे।
विशेष सचिव शिक्षा शुभकरण सिंह की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिन स्कूलों का दर्जा घटाया गया है, उनमें सबसे ज्यादा 22 स्कूल शिमला जिला के हैं।
इन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का हुआ डाउनग्रेड
सरकार ने कुल 12 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों का दर्जा घटाकर इन्हें उच्च विद्यालय बनाया है। इनमें कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और शिमला जिलों के विद्यालय शामिल हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भौरा जिला कांगड़ा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंबी जिला मंडी, सिरमौर जिला का बरवास स्कूल है। इसके अलावा शिमला जिला के कोटगढ़, जुब्बर, दम्याना, बोसारी, रत्नाडी, कड़ीवान, झीना, बराच, बाघल स्कूल शामिल हैं।
इन उच्च विद्यालयों को किया डाउनग्रेड
16 राजकीय उच्च विद्यालयों को डाउनग्रेड कर माध्यमिक विद्यालय बनाया गया है। इनमें सबसे अधिक शिमला के 13 स्कूल शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार कांगड़ा जिला का राजकीय उच्च विद्यालय घारना जिला कांगड़ा, मंडी जिला का त्रेसवन, सिरमौर जिला का मल्होटी स्कूल है। जबकि शिमला जिला के लिंगजार, चनोग, मुनीश, ब्राल, अलावांग, कुहाल, कंडा, जराशी, जनाहन, गैहेआ, कचैरी, नागन और गाहन स्कूल शामिल हैं।
स्टाफ के लिए अलग से जारी होंगे निर्देश
शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार इन स्कूलों के स्टाफ, कार्यालय रिकॉर्ड, सामग्री, स्वीकृत पदों, भूमि व भवनों आदि के स्थानांतरण से संबंधित दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। साथ ही, इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को निकटवर्ती या उनकी पसंद के विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए स्कूल शिक्षकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है।
तीन महीने से लंबित था मामला
राज्य सरकार ने यह निर्णय करीब तीन महीने पहले ले लिया था। लोगों व जन प्रतिनिधियों की तरफ से यह तर्क दिया गया था कि इनमें दाखिले बढ़ जाएंगे। जिस कारण विभाग ने सितंबर महीने तक का इंतजार किया। स्कूलों का दर्जा कम करने की सूची काफी लंबी थी। लेकिन सरकार ने केवल 5 व इससे कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों का ही दर्जा घटाया है।
1353 स्कूल हो चुके बंद व मर्ज
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। पौने तीन साल में 1353 स्कूल बंद व मर्ज हो चुके हैं। सरकार का तर्क है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए है।
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