हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष दिल्ली पहुंचे, सीएम सुक्खू का दौरा भी हुआ तय; बड़े फेरबदल के क्यास
हिमाचल कांग्रेस संगठन में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार दिल्ली में हैं, जहां 26 दिसंबर को हाईकमान क ...और पढ़ें

सीएम सुखविन्द्र सिंह सुक्खू और कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन में लंबे समय से लंबित जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर हलचल तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार वीरवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। 26 दिसंबर को कांग्रेस हाईकमान के साथ बैठक में जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप देने पर चर्चा होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू शुक्रवार को दिल्ली रवाना होंगे। इससे पहले वह बिलासपुर जिला के दौरे पर रहेंगे और दोपहर ढाई बजे बिलासपुर से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
सीएम का दौरा अहम
मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा संगठनात्मक नियुक्तियों के साथ-साथ राजनीतिक समन्वय के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री एक सप्ताह पहले भी दिल्ली जाकर शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। कुल मिलाकर दिल्ली में होने वाली यह चर्चा हिमाचल कांग्रेस के संगठनात्मक भविष्य की दिशा तय करने वाली मानी जा रही है। अब निगाहें 26 दिसंबर की बैठक पर टिकी हैं, जहां से जिलाध्यक्षों की तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति सर्वोच्च प्राथमिकता
प्रदेश में इस समय कांग्रेस संगठन के पुनर्गठन में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति सबसे अहम मुद्दा बन चुका है। माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों की सूची तय होने के बाद ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू होगी, जिससे संगठनात्मक ढांचे को जमीनी स्तर तक मजबूत किया जा सके।
‘एक व्यक्ति–एक पद’ पर अडिग प्रदेश अध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने सार्वजनिक रूप से ‘एक व्यक्ति–एक पद’ के सिद्धांत का समर्थन किया है। उनका कहना है कि इससे संगठन में जवाबदेही बढ़ेगी और जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन हो सकेगा। पार्टी के भीतर इस फार्मूले को लागू करने को लेकर सहमति बनाने की कोशिशें तेज हैं।
डिप्टी सीएम का कार्यक्रम तय नहीं
इस बीच, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के दिल्ली जाने को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक कार्यक्रम सामने नहीं आया है। हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अंतिम सूची पर सहमति बनने तक राजनीतिक गतिविधियां तेज बनी रहेंगी।

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