Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Himachal News: दो दिन से अधिक फाइल लटकाई तो... मुख्य सचिव ने दी चेतावनी, 5 महीने की वित्तीय स्थिति पर कही बड़ी बात

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 01:14 PM (IST)

    Himachal Pradesh Chief Secretary हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने अधिकारियों को समय पर दफ्तर पहुंचने और फाइलों का समय पर निपटान करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कामकाज में ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और हर 15 दिन में काम की समीक्षा होगी। हिमाचल सरकार की सात प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

    Hero Image
    हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव संजय गुप्ता।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Chief Secretary, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को अनुशासन में रहकर कार्य करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कामकाज में ढुलमुल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फाइलों के समय पर निस्तारण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोई भी सचिव या विभागाध्यक्ष अपने पास फाइल दो दिन से अधिक नहीं रख सकेगा। यह नियम मुख्य सचिव पर भी लागू होगा। हर 15 दिन में कामकाज की समीक्षा होगी और रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसमें उल्लेख होगा कि कौन अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं। यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। यदि कोई इस नियम का पालन नहीं करता है, तो कार्रवाई की जाएगी। 

    शिमला स्थित राज्य सचिवालय में गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ सुबह सभी सचिवों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने भी इन नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। दो साल में चुनाव होने हैं और सरकार ने सात प्राथमिकताएं तय की हैं। इन पर गंभीरता से काम होगा। वित्त विभाग को भी निर्देश दिए हैं कि इनके लिए बजट में कमी नहीं आने दी जाएगी।

    चार से छह महीने में और कठिनाई होगी

    कर्मचारियों के डीए के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह वित्त विभाग से संबंधित है। प्रदेश की वित्तीय स्थिति को खराब बताते हुए कहा कि अगले चार से छह माह में और कठिनाइयां आएंगी। हालांकि, कठिन वित्तीय परिस्थितियों के बावजूद सरकार विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगले दो साल में प्रदेश की स्थिति में सुधार होगा।

    बिजली बोर्ड में 500 करोड़ का लाभ अर्जित किया

    बकौल गुप्ता, 15 महीने तक वह राज्य बिजली बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं, जहां उन्होंने 500 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया। जब बोर्ड का कार्यभार संभाला, तब स्थिति खराब थी। पहले अध्यक्ष वहां नियमित रूप से उपस्थित नहीं होते थे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र एक दुधारू गाय है, जिसे घाटे में नहीं जाने देना चाहिए।

    मुख्य सचिव ने कहा कि वह सुबह 10 बजे से पहले कार्यालय पहुंच जाते थे और अधिकारियों के साथ बैठकें करते थे। उन्होंने बताया कि कुछ मामलों में अनुशासन से सुधार आया। उन्होंने कहा कि हमने केवल बजट की बर्बादी को रोका, जिससे सरकारी क्षेत्र में वेस्टेज बंद होने से घाटा अपने आप कम हो जाएगा।

    शहर से बाहर टुअर की सूचना देनी होगी

    मुख्य सचिव ने कहा कि सभी कर्मचारी व अधिकारी सुबह 10 बजे कार्यालय पहुंचें। यदि कोई विभागाध्यक्ष या सचिव शहर से बाहर यानी टुअर पर जाता है तो इसकी सूचना उसे मुख्यमंत्री, संबंधित मंत्रियों व मुख्य सचिव को देनी होगी। देखने में आया है कि अधिकारी टुअर पर जाते हैं लेकिन इसकी जानकारी नहीं होती। अब ऐसा नहीं चलेगा। अनुशासनहीनता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

    आपदा राहत का मामला उठाया जाएगा

    केंद्र सरकार से आपदा राहत को लेकर मदद पर उन्होंने कहा कि लगातार मामला उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बरसात से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर पूरा मसौदा केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को दिए हैं। जो पैसा दो किस्तों में केंद्र से मिलना है वह एक ही किस्त में मिले, इसके प्रयास किए जाएंगे। अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्रीय योजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भेजें ताकि जल्द पैसा मिल सके।

    सीओएस की बैठक नियमित रूप से होगी

    संजय गुप्ता ने कहा कि सीओएस (कमेटी आफ सेक्रेटरीज) की बैठक नियमित होगी। लंबे समय से ये बैठकें नहीं हो रही हैं। दोबारा इसे शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य में इस कमेटी के पास कोई शक्तियां नहीं है। भारत सरकार में सीओएस के पास अधिकार है कि वह कई मामलों में अपनी सिफारिशें देती है।

    यह भी पढ़ें- हिमाचल में शिक्षकों के 1500 पद भरेंगे, नवंबर से शुरू होगी प्रक्रिया, सीधी भर्ती से कुल 3101 पद भरने की तैयारी

    यह भी पढ़ें- Himachal: मैदानी राज्यों में प्रदूषण की मार, पहाड़ की हवा हुई और शुद्ध; हिमाचल का वायु गुणवत्ता सूचकांक कैसे हुआ बेहतर?