Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिमाचल में CBSE सब कैडर के लिए शिक्षकों की परीक्षा लेने का विरोध, संघ ने दिए कई तर्क; ...पनपा चिंता और असंतोष

    By Anil Thakur Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 06:40 PM (IST)

    Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीबीएसई संबद्धता वाले स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सब कैडर बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है जि ...और पढ़ें

    Hero Image

    हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ ने सीबीएसई कैडर के लिए परीक्षा का विरोध किया है। प्रतीकात्मक फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सीबीएसई संबंद्धता वाले स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सब कैडर बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सरकार ने निर्णय लिया है कि सब कैडर में आने के लिए शिक्षकों की चयन परीक्षा होगी। जो इस परीक्षा को उत्तीर्ण करेंगे उन्हें ही इन स्कूलों में तैनाती दी जाएगी।

    इसके बाद शिक्षकों में अब चयन परीक्षा का डर सताने लगा है। राजकीय अध्यापक संघ ने इस परीक्षा का विरोध किया है। सरकार से मांग की है कि इस फैसले को वापस लिया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    परीक्षा का निर्णय वापस लेने की मांग

    संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान सहित नागेश्वर पठानिया, राजेश पराशर, नरवीर चंदेल, संजीव ठाकुर, तिलक नायक, हरिप्रसाद, सचिन जसवाल, राकेश संधू, राजेश गौतम, यशपाल, ताराचंद शर्मा, वीरभद्र नेगी, पालम सिंह, मनीष सूद ने कहा कि प्रस्तावित परीक्षा के निर्णय को वापस लिया जाए।

    संघ ने दिया यह तर्क

    अच्छे परिणाम देने वाले वर्तमान शिक्षकों को ही अपने पदों पर जारी रखा जाए, ताकि स्कूलों में अनावश्यक अव्यवस्था, शिक्षकों में असंतोष और बच्चों की पढ़ाई में बाधा न उत्पन्न हो। पिछले 10-15 वर्षों के परिणामों को देखा जाना चाहिए। बच्चों के परिणाम ही शिक्षक की असली योग्यता का प्रमाण होते हैं। 

    परीक्षा शिक्षा बोर्ड से करवाना मजाक

    सरकार मानती है कि सीबीएसई बोर्ड बेहतर है इसलिए हिमाचल बोर्ड के विद्यालयों को सीबीएसई में बदला जा रहा है, जबकि प्रस्तावित चयन परीक्षा हिमाचल बोर्ड से ही करवाना स्वयं इस नीति का मजाक बना रहा है। 

    परीक्षा चिंता और असंतोष पैदा कर रही

    चौहान ने कहा कि सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबंद्धता से फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में अवश्य सहायक होगा। शिक्षकों की चयन परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव शिक्षक समुदाय में चिंता और असंतोष पैदा कर रहा है। 

    यह दिया उदाहरण

    वीरेंद्र चौहान ने कहा कि अपने चयन के 20 वर्ष बाद शायद एक आइएएस अधिकारी भी यूपीएससी की परीक्षा फिर से पास न कर पाए। एक न्यायाधीश वकील या डाक्टर भी अपनी परीक्षाएं फिर से पास नहीं कर पाएंगे। तो फिर शिक्षकों से ऐसी उम्मीद क्यों की जा रही है।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: मंडी और ऊना की दो सड़कों के लिए गडकरी ने जारी किए 186 करोड़, जयराम और मुकेश के गृह हलकों के प्रोजेक्ट