हिमाचल के आयुर्वेदिक अस्पतालों में शुरू होगा पंचकर्म, आयुष विभाग ने बनाया रोडमैप; अभी 2 जगह है सुविधा
Panchakarma in Ayurvedic Hospitals हिमाचल प्रदेश सरकार आयुष विभाग के माध्यम से पंचकर्म चिकित्सा को बढ़ावा दे रही है। वर्तमान में पपरोला और शिमला के आयुर्वेदिक अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है और अब इसे जिला अस्पतालों में भी शुरू करने की योजना है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। चरक वाटिका अभियान के तहत आयुर्वेदिक संस्थानों में वाटिकाएं स्थापित की गई हैं।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Panchakarma in Ayurvedic Hospitals, हिमाचल प्रदेश में पंचकर्म चिकित्सा की स्थिति संतोषजनक है। प्रदेश सरकार ने आयुष विभाग के अंतर्गत पंचकर्म को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वर्तमान में पपरोला और शिमला स्थित आयुर्वेदिक अस्पतालों में पंचकर्म की सुविधा उपलब्ध है।
अब सरकार जिला आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी पंचकर्म चिकित्सा की शुरुआत करने की योजना बना रही है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे पंचकर्म चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल कर सकें।
प्रदेश में आयुर्वेदिक उपचार के साथ-साथ कई अन्य गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। औषधीय पौधों का संरक्षण और खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य औषधीय बोर्ड द्वारा कार्य किए जा रहे हैं।
चरक वाटिका अभियान के तहत 1167 आयुर्वेदिक संस्थानों में चरक वाटिकाओं की स्थापना की गई है, जिसमें लगभग 11,526 पौधे लगाए गए हैं। आयुष विभाग द्वारा राज्य में 740 आयुष वेलनेस केंद्रों पर योग का आयोजन किया जा रहा है। इन केंद्रों पर योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जो लोगों को योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान की तकनीक सिखाते हैं।
पंचकर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम
पंचकर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 20 सीटें होंगी और प्रशिक्षण की अवधि छह महीने से लेकर एक साल तक होगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को पंचकर्म चिकित्सा के सिद्धांत, प्रक्रियाएँ और तकनीक की गहरी समझ प्रदान की जाएगी।
आयुष विभाग की गतिविधियां
आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा 89 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिनमें जिला सिरमौर में 84 अन्य राजकीय आयुष स्वास्थ्य केंद्र/आयुष्मान आरोग्य मंदिर शामिल हैं। जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में योग, पंचकर्म और शल्य चिकित्सा की निश्शुल्क सेवाएं उपलब्ध हैं।
आयुष विभाग द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, आयुष विभाग स्कूलों और अन्य संस्थानों में आयुर्वेद और स्वास्थ्य विषयों पर जागरूकता व्याख्यान भी आयोजित करता है। हाल ही में आयुष विभाग में 205 चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें 105 पद कमीशन और 100 पद बैचवाइज भरे जाएंगे।
चरणबद्ध प्रशिक्षण शुरू होगा
एक-दो वर्ष में हिमाचल स्वास्थ्य गतिविधियों में देश के अग्रणी राज्य के तौर पर उभरकर सामने आने वाला है। हमने इसके लिए रोडमैप तैयार है। चरणबद्ध ढंग से प्रदेश के जिला आयुष अस्पतालों में पंचकर्म प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। प्रदेश में वेलनेस सेक्टर में संभावित निवेश का प्रारूप तैयार किया गया है। आने वाला समय हेल्थ टूरिज्म का रहने वाला है।
-यादवेंद्र गोमा, आयुष मंत्री।
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