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    हिमाचल: हड़ताल के बीच एंबुलेंस की चाबी साथ लेकर चला गया ड्राइवर, BMO ने पुलिस थाने में दर्ज करवाई शिकायत

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sat, 27 Dec 2025 01:41 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिससे मरीजों और गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है। बिलासपुर के घुमारवीं में एक एंबुले ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश में एंबुलेंस कर्मचारी 48 घंटे की हड़ताल पर हैं। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेशभर में 108 एवं 102 एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इससे कई स्थानों पर गंभीर मरीजों और गर्भवती महिलाओं को परेशान होना पड़ा। इसका सबसे ज्यादा असर दूरदराज के क्षेत्रों में दिखा। कई जगह मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ा। कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार शाम आठ बजे समाप्त होगी। 

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    चाबियां साथ लेकर चला गया चालक

    इस बीच एक बड़ी लापरवाही का मामला भी सामने आया है। जिला बिलासपुर के घुमारवीं अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस चालक पर सेवाओं में कोताही बरतने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है। खंड चिकित्सा अधिकारी डा. अनुपम शर्मा ने कहा कि एंबुलेंस चालक को चाबियां सौंपने को कहा, लेकिन वह गाड़ी की चाबियां अपने साथ ले गया।

    प्रशासन ने की अस्थायी तौर पर व्यवस्था

    कुछ जिलों में प्रशासन ने अस्थायी तौर पर चालकों की व्यवस्था कर सीमित संख्या में एंबुलेंस चलाने की कोशिश की, जिससे आंशिक राहत मिली। 

    यूनियन का क्या है दावा

    यूनियन का दावा है कि प्रदेश में 293 एंबुलेंस में से महज 13 ही सड़क पर उतर सकीं। इन 13 गाड़ियों में भी मुख्य रूप से मंडी, सिरमौर और शिमला जिले के कुछ इलाके शामिल रहे। कर्मचारी यूनियन के प्रदेश महासचिव बालक राम ने कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगों की अनदेखी के चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। 

    कर्मचारी बोले, प्रताड़ित किया जा रहा

    आरोप लगाया कि श्रम कानूनों और न्यायिक आदेशों का पालन नहीं हो रहा, न्यूनतम वेतन समय पर नहीं दिया जा रहा और कर्मचारियों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने सरकार और संबंधित एजेंसियों से कर्मचारियों की समस्याओं का ठोस समाधान करने की मांग की।

    1300 कर्मचारी हैं हड़ताल पर

    यह हड़ताल सीटू के बैनर तले की जा रही है। इसमें प्रदेशभर के लगभग 1300 कर्मचारी शामिल हैं। यूनियन ने कहा कि यह 48 घंटे की प्रदेशव्यापी हड़ताल है, जो 27 दिसंबर शाम आठ बजे समाप्त होगी। वहीं स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़े असर को देखते हुए आम जनता में नाराजगी भी देखने को मिली। मरीजों और उनके स्वजन का कहना है कि हड़ताल व अवकाश के चलते उन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ा। प्रशासन का कहना है कि आपातकालीन सेवाएं चालू रखी गई हैं और हालात पर नजर रखी जा रही है।