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    Himachal Political Crisis: SC जाएगा हिमाचल का सियासी संकट, छह बागी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा स्‍पीकर के खिलाफ खोला मोर्चा

    By Agency Edited By: Himani Sharma
    Updated: Thu, 29 Feb 2024 09:04 PM (IST)

    Himachal Political Crisis हिमाचल प्रदेश का सियासी संकट अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा। छह बागी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा स्‍पीकर के खिलाफ मोर्चा खोला है। अयोग्य ठहराए गए विधायकों में सुधीर शर्मा रवि ठाकुर राजिंदर राणा इंदर दत्त लखनपाल चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो शामिल हैं। इस मामले में गुरुवार शाम को एक अधिसूचना जारी की गई। सदन की प्रभावी ताकत 68 से घटकर 62 हो गई है।

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    छह बागी कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा स्‍पीकर के खिलाफ खोला मोर्चा (फाइल फोटो)

    पीटीआई, शिमला। Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्‍यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) करने वाले छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्‍य घोषित कर दिया। अब अयोग्‍य ठहराए गए विधायकों ने स्‍पीकर के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है।

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    विधायकों ने कहा कि स्‍पीकर के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। बता दें कांग्रेस के छह बागी विधायकों ने सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा में कटौती प्रस्ताव और वित्त विधेयक (बजट) पर मतदान से परहेज किया था। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस आधार पर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

    ये हैं अयोग्‍य ठहराए गए विधायक

    अयोग्य ठहराए गए विधायकों में सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो शामिल हैं। इस मामले में गुरुवार शाम को एक अधिसूचना जारी की गई। उसमें कहा गया कि ये छह विधायक 29 फरवरी से हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं रहेंगे।

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    अधिसूचना में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप, विधानसभा क्षेत्रों धर्मशाला, लाहौल और स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलेहड़ की सीटें खाली हो गई हैं। साथ ही हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा में छह सीटें खाली हो गई हैं।

    राजिंदर राणा ने की अपील

    अयोग्‍य विधायकों में से एक विधायक राजिंदर राणा ने गुरुवार को कहा कि अयोग्य ठहराए गए छह विधायक आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने कहा, 'छह विधायकों में से केवल एक को 27 फरवरी की रात को व्हाट्सएप पर नोटिस मिला और हम 27 और 28 फरवरी को सदन में मौजूद थे।'

    बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन की प्रभावी ताकत 68 से घटकर 62 हो गई है जबकि कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी विधायक को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।

    सदन में उपस्थित रहने के लिए सदस्यों को व्हिप किया था जारी

    कांग्रेस पार्टी ने बजट पारित होने पर मतदान के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए सदस्यों को व्हिप जारी किया था। अध्यक्ष ने कहा, इन विधायकों ने उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन बजट पर मतदान के दौरान सदन से अनुपस्थित रहे।

    साथ ही अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने और "आया राम, गया राम" की घटना को रोकने के लिए ऐसे मामलों में त्वरित निर्णय देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों द्वारा की गई क्रॉस वोटिंग से कोई संबंध नहीं है।

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