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    हिमाचल में 250 से ज्यादा केस दर्ज करने वाले पुलिस स्टेशनों को A+, कई थानों को E ग्रेड भी; देखें पूरी लिस्ट

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 05:04 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में पुलिस थानों को अपराध पंजीकरण के आधार पर छह श्रेणियों में बांटा गया है। 250 से अधिक मामले दर्ज करने वाले थानों को A+ श्रेणी में रखा ग ...और पढ़ें

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    हिमाचल प्रदेश के 250 से ज्यादा केस दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस (फोटो सोशल मीडिया)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के पुलिस थानों को वार्षिक अपराध पंजीकरण की संख्या के आधार पर ए प्लस से ई कुल छह श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। प्रति वर्ष 250 से अधिक मामले दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस की श्रेणी में रखा गया है और इस प्रकार के 15 थानों की पहचान की गई है। य

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    इन पुलिस स्टेशनों में 70 पुलिस कर्मियों व अधिकारियों की तैनाती की जागएी। ए श्रेणी में 5 थाने रखे गए हैं जिनमें 65 पुलिस कर्मियों, बी श्रेणी में 25 थानों जिनमें 48 पुलिस कर्मियों, सी श्रेणी में 47 पुलिस थाने रखे गए हैं और इनमें 37 पुलिस कर्मियों, डी श्रेणी में 28 थानों को रखा गया है जिनमें 25 पुलिस कर्मियों को और ई श्रेणी में 15 पुलिस थाने चिन्हित किए गए हैं जिनमें 19-19 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा।

    हिमाचल के सभी 135 पुलिस थानों को 6 श्रेणियों में बांटा गया

    प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 135 पुलिस थानों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया है।

    जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, आपराधिक गतिविधियां, वीआईपी मूवमेंट, यातायात व्यवस्था, अंतर-राज्यीय सीमाएं और पर्यटकों की आमद जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए पुलिस थानों का वर्गीकरण करने का फैसला लिया गया है। इस पहल का उद्देश्य सेवा वितरण को बढ़ाना, कानून व्यवस्था में सुधार और सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करना है।

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    एफआइआर पंजीकरण की आवृत्ति की जाएगी निर्धारित

    प्रत्येक थाने में जांच अधिकारियों की संख्या एफआइआर पंजीकरण की आवृत्ति के आधार पर निर्धारित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को इस नए वर्गीकरण के अनुसार पद भरने और पुलिस बल को तैनात करने के निर्देश दिए हैं ताकि आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाकर कानून व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। इस प्रयास से पुलिस की कार्यकुशलता में वृद्धि होने के साथ-साथ राज्य में सार्वजनिक सेवा में सुधार होगा। इसके साथ ही प्रदेश में अपराध की घटनाओं में भी कमी आएगी।

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