Himachal News: परियोजना से प्रभावित 141 भूमिहीनों को एक माह के भीतर मिलेगा भूमि का मालिकाना हक, जगत सिंह नेगी का बड़ा एलान
Himachal News राजस्व मंत्री ने परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नाथपा-झाकड़ी विद्युत परियोजना से प्रभावित 141 भूमिहीन लोगों को एक माह के भीतर 5 बीघा तक भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया जाए। बैठक में परियोजना की ओर से प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे अस्पताल स्कूल व अन्य स्कीमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली गई और इनमें सुधार करने के निर्देश दिए गए।

संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर। एसजेवीएनएल जल विद्युत परियोजना नाथपा झाकड़ी व बासपा जल विद्युत परियोजना पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन सलाहकार समिति की राज्य स्तरीय बैठक बुधवार को जगत सिंह नेगी राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में एसजेएनवीएल झाकडी में आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राज्य वित्त आयोग नंद लाल भी उपस्थित रहे।
बैठक में पिछली बैठक की 48 मदों की कार्रवाई व निष्पादन पर विस्तृत चर्चा की गई। जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि झाकड़ी परियोजना क्षेत्र में 480 परिवार प्रभावित हुए है और इनमें से 141 परिवार जिनकी भूमि पांच बीघा से कम रह गई थी।
प्रभावित परिवार को वापस करनी होगी राशि
उन परिवारों लैंड लैस व जिन परिवारों का मकान पूरी तरह परियोजना में चले गए उन 67 परिवारों को हाऊस लैस घोषित किया गया है। 141 लैंड लैस परिवारों में से 61 परिवारों को विद्युत परियोजना में रोजगार दिया गया और बाकि बचे लोगों को रोजगार के बदले वित्तीय सहायता प्रदान की गई। जब इन लोगों को परियोजना में रोजगार दिया जाएगा तो यह राशि प्रभावित परिवार को वापस करनी होगी।
5 बीघा तक भूमि का मालिकाना हक मिलेगा
राजस्व मंत्री ने परियोजना के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नाथपा-झाकड़ी विद्युत परियोजना से प्रभावित 141 भूमिहीन लोगों को एक माह के भीतर 5 बीघा तक भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया जाए। बैठक में परियोजना की ओर से प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे अस्पताल, स्कूल, व अन्य स्कीमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली गई और इनमें सुधार करने के निर्देश दिए गए।
19 नए मुद्दों पर भी चर्चा
बैठक में 19 नए मुद्दों पर भी चर्चा की गई। जिनमें विस्थापित के परिवारों को स्थाई नौकरी देने, परियोजना के कुल उत्पादन का एक प्रतिशत रॉयल्टी के रूप में दिए जाने, परियोजना क्षेत्र में नए पौधे स्थानीय लोगों के साथ मिल कर प्रति वर्ष लगाया जाए व सिंचाई व पेयजल की व्यवस्था करने के मुख्य मुद्दे रहे।
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